हाईकोर्ट का निर्देश - गैर पंजीकृत अस्पतालों में न हो अंग प्रत्यारोपण आपरेशन

HC - unregistered hospitals can not do organ transplant operation
हाईकोर्ट का निर्देश - गैर पंजीकृत अस्पतालों में न हो अंग प्रत्यारोपण आपरेशन
हाईकोर्ट का निर्देश - गैर पंजीकृत अस्पतालों में न हो अंग प्रत्यारोपण आपरेशन

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार आश्वस्त करे कि उसके पंजीकृत अस्पतालों में ही मरीजों का अंग प्रत्यारोपण किया जाए। गैर पंजीकृत अस्पतालों में अंग प्रत्याोपण नहीं होना चाहिए। हाईकोर्ट ने यह बात सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रदीप व्यास की ओर से दायर हलफनामे पर गौर करने के बाद कही। हलफनामे में साफ किया गया है चार अस्पताल उसके पास पंजीकृत नहीं हैं, जहां पहले अंग प्रत्यारोपण के आपरेशन होते थे। इन अस्पतालों में औरंगाबाद के बेंबडे अस्पताल, मुंबई का भाटिया अस्पताल, एलएच हीरानंदानी अस्पताल व सागली का सेवासदन लाइफ लाइन सुपर स्पेश्लिटी अस्पताल शामिल है।

जस्टिस अभय ओक व जस्टिस अजय गड़करी की बेंच ने इस हलफनामें पर गौर करने के बाद कहा कि क्या सरकार के संबंधित विभाग के अधिकारियों ने इस बात को सत्यापित किया है कि जो अस्पताल पंजीकृत नहीं हैं, अब उन अस्पतालों में अंग प्रत्यारोपण नहीं किए जाते हैं? इस पर सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें इस बारे में निर्देश लेने के लिए वक्त दिया जाए। वहीं याचिकाकर्ता के वकील उदय वारुंजेकर ने कहा कि नियमानुसार उपयुक्त प्राधिकरण के पास पंजीकृत अस्पतालों में ही अंग प्रत्यारोपण होने चाहिए। क्योंकि नियमों के तहत अंग प्रत्यारोपण करनेवाले अस्पतालों का सरकार के प्राधिकरण के पास पंजीकृत होना जरुरी है।

इस बीच उन्होंने केंद्र सरकार व राज्य सरकार के पास पंजीकृत अस्पतालों के आकड़े में अनियमितता होने की जानकारी भी बेंच को दी। उन्होंने अंग प्रत्यारोपण के लिए बनाई गई प्राधिकृत कमेटियों में रिक्त पदों के बारे में भी बेंच को अवगत कराया। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। 11 मार्च को साक्षात्कार रखा गया है। इस बात को जानने के बाद बेंच ने मामले की सुनवाई 18 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी। 

Created On :   4 March 2019 3:51 PM GMT

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