न्यायालयीन निर्णय की टली सुनवाई, एसटी कर्मियों को मिल रही तारीख पर तारीख

Hearing of court decision postponed, date on date getting to ST workers
न्यायालयीन निर्णय की टली सुनवाई, एसटी कर्मियों को मिल रही तारीख पर तारीख
गोंदिया न्यायालयीन निर्णय की टली सुनवाई, एसटी कर्मियों को मिल रही तारीख पर तारीख

डिजिटल डेस्क, गोंदिया। एसटी का शासन में विलय करने की मांग के चलते सैकड़ों एसटी कर्मियों ने 31 अक्टूबर से आंदोलन जारी किया है। इस संबंध में सोमवार 20 दिसंबर को न्यायालयीन निर्णय की पहली सुनवाई टलने से अगली सुनवाई बुधवार 22 दिसंबर की दोपहर 2.30 बजे से शुरू की गई। जिसकी सुनवाई देर शाम तक नहीं हुई। वहीं अगली तारीख 5 जनवरी तक टलने से विगत तीन दिनों से निर्णय का बेसब्री से इंतजार कर रहे मंडप में बैठे सैकड़ों एसटी कर्मी तारीख बढ़ने से उनके चेहरों पर निराशा नजर आई। वहीं जिले के रास्तों पर दौड़ रही लालपरी के चक्के थमने से विभाग को प्रतिदिन 10 लाख का नुकसान उठाने की नौबत आने की जानकारी विभाग द्वारा सामने आई है। 

यहां बता दें कि, विगत 50 दिनों से राज्य परिवहन निगम के सैकड़ों चालक, वाहक व तकनीकी कर्मियों ने आंदोलन जारी रखा है। एसटी कर्मियों की हड़ताल की वजह से जिले की सड़कों पर दौड़ रही लालपरी के चक्के थमने से जाम हो चुके हैं। विगत कुछ दिनों से जिले के मार्गों पर लालपरी नहीं दौड़ने से एसटी को प्रतिदिन करीब 10 लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ रहा है। नुकसान से एसटी महामंडल को बचाने रापनि ने कर्मियों को काम पर लौटने के निर्देश दिए थे, लेकिन निर्देशों का पालन नहीं करने से करीब 25 से 30 कर्मियों पर कार्रवाई करने तथा कार्रवाई से भयभीत 6 कर्मियों के काम पर लौटने जानकारी मिली है। इस संदर्भ में गोंदिया एसटी डिपो के सामने मंडप लगाकर विगत कुछ दिनों से बैठे सैकड़ों कर्मियों ने बताया कि, सोमवार 20 दिसंबर को हड़ताल के संबंध में न्यायालय में दोपहर 2.30 बजे से सुनवाई शुरू की गई थी। जिसकी अगली सुनवाई बुधवार 22 दिसंबर तक टाली गई। वहीं गत दो दिनों से न्यायालयीन निर्णय के इंतजार में बैठे सैकड़ों कर्मी बुधवार दोपहर 2.30 बजे से सोशल मीडिया पर नजर लगाए थे। जो अपने पक्ष में निर्णय को लेकर एकजुटता से हौसला अफजाई करते देखे गए, लेकिन देर शाम तक सुनवाई नहीं हुई। वहीं अगामी 5 जनवरी तक सुनवाई टलने से आंदोलनकर्मियों के चेहरों का रंग भी उड़ता दिखाई दिया। 

आदेशों का पालन जरूरी 

संजना पटले, डिपो व्यवस्थापक, एसटी डिपो के मुताबिक करीब 50 दिनों से एसटी के पहिये थमने से विभाग को करीब 10 लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। बुधवार 22 दिसंबर को दोपहर 2.30 बजे से न्यायालयीन निर्णय की सुनवाई शुरू हुई थी। आदेशों के तहत काम को नियमों के मुताबिक किया जा रहा है। एसटी के पहिए थमने से यात्री तथा विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है। पूर्व की तरह एसटी सेवा शुरू होने का इंतजार किया जा रहा है। 

Created On :   23 Dec 2021 7:22 PM IST

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