शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार पर चुनाव आयोग में अब 20 को सुनवाई

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली. शिवसेना और उसके चुनाव चिन्ह के अधिकार को लेकर ठाकरे और शिंदे गुट के बीच चुनाव आयोग में जारी लड़ाई पर अगली सुनवाई अब शुक्रवार को होगी। मंगलवार को हुई सुनवाई में ठाकरे गुट की ओर से दलीलें रखी गई। ठाकरे गुट की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने चुनाव आयोग से फिर अपील की कि वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अपना फैसला ना दें। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में शिवसेना विवाद पर सुनवाई 14 फरवरी को होनी है।
सिब्बल ने अपनी दलील में कहा कि शिवसेना में दो गुट होने की बात काल्पनिक है। कुछ लोगों का अलग हो जाने से पार्टी पर दावा नहीं बनता। इसलिए शिवसेना में फूट को गंभीरता से नहीं लिया जाए। ठाकरे के नेतृत्व की शिवसेना ही असली शिवसेना है। शिंदे गुट के बाहर जाने से पार्टी की स्थिति पर कोई परिणाम नहीं हुआ है। शिंदे गुट की ओर से सांसद और विधायकों की जो संख्या बताई जा रही है वे सभी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चुनाव जीते है। ऐसे में शिवसेना में रहते हुए उसका फायदा उठाने वाले, पार्टी से जुड़े मामलों में अपना मत देने वाले और नेतृत्व को मानते हुए चुनाव लड़कर जीतने वाले यह कैसे कह सकते हैं कि पार्टी में लोकतंत्र नहीं था।
ठाकरे गुट ने अपने दावे को लेकर 23 लाख कागजात पेश किए है, जबकि शिंदे गुट की ओर से 4 लाख दस्तावेज जमा किए है। सिब्बल ने सुनवाई के दौरान शिंदे गुट के दस्तावेजों में कई खामियां होने का भी दावा किया। हालांकि, शिंदे गुट के वकील महेश जेठमलानी ने सिब्बल के इस दावे को खारिज किया। ठाकरे गुट ने मांग की कि पश किए गए दस्तावेजों में से किसी भी पदाधिकारी को बुलाया जाए और उनकी पहचान परेड और स्क्रूटनी कराई जाए। इसी तरह शिंदे गुट के दस्तावेजों की स्क्रूटनी की जाए। रही बात ठाकरे गुट द्वारा पार्टी संविधान में नियमों में फेरबदल करने के आरोप की तो इस पर आज तक चुनाव आयोग ने आपत्ति नहीं उठाई है। कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलें पेश करने के लिए और समय मांगे जाने के बाद चुनाव आयोग ने उनकी बात मानते हुए अगली तारीख 20 जनवरी तय कर दी।
Created On :   17 Jan 2023 9:38 PM IST