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गैर सरकारी संस्थाओं से मदद लेकर लापता महिलाओं का लगाएं पता : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। लापता महिलाओं के मामले में पुलिस अधिकारियों को महिलाओं व बच्चों के हित में काम करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं से संपर्क कर पता लगाने के लिए ट्रेनिंग दी जाए। यह निर्देश हाईकोर्ट ने दिए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि तनाव व मानसिक परेशानी के चलते घर छोड़ने वाले लोगों का पता लगाने के लिए पुलिस अधिकारी ऐसी संस्थाओं से मदद लें।
न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ की ओर से महानगर से सटे अबंरनाथ इलाके में रहने वाली छाया माने की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए गए एक आदेश में यह बात कही गई है। माने की विवाहित बेटी मोनिका तीन साल से लापता है। जिसका पता लगाने में पुलिस को अब तक सफलता नहीं मिली है। याचिका में माने ने दावा किया है कि ससुराल वालों से परेशान होकर उसकी बेटी गायब हुई है। उसने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई है।
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सुनवाई के दौरान सरकारी वकील एमएच म्हात्रे ने कहा कि हमें अब तक लापता मोनिका का पता लगाने में सफलता नहीं मिली है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि तनाव की स्थिति में व्यक्ति कई बार महिलाओं व बच्चों के हित के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं के संपर्क में आ जाता है। मामले की जांच से जुड़े दस्तावेज दर्शाते हैं कि पुलिस ने लापता मोनिका का पता लगाने के लिए किसी गैर सरकारी संस्था व मनोरोगियों का इलाज करने वाले अस्पताल में जाकर किसी से संपर्क किया हो। अब समय आ गया है कि जांच एजेंसियों को इस बात का भी ट्रेनिंग दी जाए कि वे जांच के दौरान गैर सरकारी संस्थाओं से भी संपर्क करे। खंडपीठ इस प्रकरण से जुड़े जांच अधिकारियों को कहा कि वे लपता मोनिका का पता लगाने के लिए महिलाओं व बच्चों के हित के लिए काम करने वाली गैर सरकारी संस्थाओं से संपर्क करे। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 21 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   4 Nov 2017 1:17 PM GMT