राजुरा दुराचार प्रकरण: व्यवस्थापन को स्कूल में प्रवेश की अनुमति, हॉस्टल में नहीं

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राजुरा दुराचार प्रकरण: व्यवस्थापन को स्कूल में प्रवेश की अनुमति, हॉस्टल में नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  चंद्रपुर जिले के राजुरा स्थित इनफेंट जीजस इंग्लिश पब्लिक स्कूल की आदिवासी छात्राओं के यौन शोषण के मामले में शुक्रवार को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। बीते अप्रैल में हाईकोर्ट ने चंद्रपुर के जिलाधिकारी और एसपी को स्कूल और हॉस्टल अपने अधिकार में लेने के आदेश दिए थे। साथ ही स्कूल प्रबंधन भी किसी अन्य संस्था को हस्तांतरित करने को कहा था। 

स्कूल प्रबंधन ने हाईकोर्ट में अर्जी दायर की, जिसमें उन्होंने कोर्ट से विनती की कि, उन्हें फिर से स्कूल चलाने के के अधिकार दिए जाएं, इसलिए उन्हें परिसर में दाखिल होने की अनुमति दी जाए। इस पर  पर हाईकोर्ट ने जब राज्य सरकार से जवाब मांगा, तो सरकार ने शुक्रवार को कोर्ट को जानकारी दी कि, उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाली 292 छात्राओं को दूसरे स्कूल में शिफ्ट कर दिया है। स्कूल परिसर और हॉस्टल भी सील कर दिया है। ऐसे में कोर्ट ने संस्था को स्कूल में प्रवेश की अनुमति तो दी, लेकिन सबूतों से छेड़छाड़ न हो इसलिये हॉस्टल में दाखिल होने की अनुमति नहीं दी। 

यह है मामला

याचिकाकर्ता गोंड और प्रधान समुदाय से हैं। उनकी बच्चियां स्कूल में कक्षा 5वीं से लेकर 7वीं में पढ़ती हैं। 6 अप्रैल को स्कूल की कुछ छात्राएं बीमार पड़ीं, तो उन्हें राजुरा के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि, उनके साथ दुराचार हुआ है। मामले में आदिवासी विकास विभाग के अधिकारी ने 6 अप्रैल को पुलिस में शिकायत दी थी। पुलिस ने 12 अप्रैल को रिपोर्ट दर्ज की। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में मामले में पुलिस द्वारा उनके साथ किए गए अमानवीय और अशोभनीय बर्ताव का भी प्रमुखता से जिक्र किया है। पुलिस पर आरोप है कि, वह मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है, जिसके बाद कोर्ट ने विविध आदेश जारी किए। मामले में पीड़िताओं की ओर से एड. फिरदौस मिर्जा कामकाज देख रहे हैं। 
 

Created On :   22 Jun 2019 3:35 PM IST

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