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हाईकोर्ट ने पूछा - घर-घर जाकर टीका लगाने केंद्र की अनुमति क्यों है जरुरी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि आखिर बुजुर्गों को घर घर जाकर टीका लगाने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरुरत क्यों है। इससे पहले राज्य सरकार ने हलफनामा दायर कर कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार प्रयोग के तौर पर चलने फिरने में असमर्थ व बिस्तरों पर पड़े लोगों के लिए घर घर जाकर टीकाकरण शुरु करने के लिए तैयार है। लेकिन इससे संबंधित प्रस्ताव को पहले केंद्र सरकार की मंजूरी मिलना जरुरी है।
इस पर हाईकोर्ट ने कहा कि आखिर राज्य सरकार को टीकाकरण के लिए केंद्र से मंजूरी लेने की जरुरत क्यों हैॽ वैसे भी स्वास्थ्य राज्य से जुड़ा विषय है। क्या राज्य सरकार सब कुछ केंद्र सरकार से पूछ कर करती है। क्या बिहार, केरल, झारखंड ने घर-घर जाकर टीका लगाने के लिए केंद्र सरकार से मंजूरी ली है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। सरकार की ओर से दायर किए गए हलफनामें के मुताबिक जिस व्यक्ति को घर पर जाकर टीका दिया जाएगा। उसे अथवा उसके परिजनों को लिखित में टीके के लिए सहमति देनी पड़ेगी। इसके अलावा टीके लेनेवाले व्यक्ति को डाक्टर से इसका प्रमाणपत्र लाना होगा कि उस पर टीके का कोई विपरीत असर नहीं पड़ेगा। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई बुधवार को रखी है।
फर्जी टीकाकरण शिविर मामले की बड़ी मछली कौन
वहीं हाईकोर्ट ने कोविड का फर्जी टीका लगाने के मामले में भी कड़ा रुख अपननाया है। हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में बड़ी मछली की पहचान की जाए। यदि इस मामले में बड़े लोग पकड़े जाते है तो उन्हें बक्शा न जाए। ऐसे लोगों को सबक सिखाना जरुरी है। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने मुंबई महानगरपालिका को निर्देश दिया है कि वह बताए कि फर्जी टीकाकरण को रोकने के लिए वह कौन से कदम उठाएगी। इसके साथ ही खंडपीठ ने जानना चाहा है कि जिन लोगों को फर्जी टीका लगाया गया है क्या उनके शरीर पर कोई विपरीत असर पड़ा है। इससे पहले सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने कहा कि इस मामले को लेकर सात एफआईआर दर्ज की गई है और 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और मामले की जांच अभी भी जारी है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में किसी को छोड़ा न जाए। पुलिस प्रभावी ढंग से इस मामले की जांच करे।
वहीं मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि बुधवार तक हाउसिंग सोसायटी व निजी जगहों पर कोविड टीका शिविर लगाने को लेकर बुधवार तक स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसिजर (एसओपी) तैयार कर ली जाएगी। खंडपीठ ने 1 जुलाई को इस मामले की सुनवाई रखी है।
Created On :   29 Jun 2021 8:46 PM IST