बायोमेट्रिक पहचान न होने से परेशान हजारों फेरीवालों को राहत

High court gives relief to thousands of hawkers upset due to lack of bio metric identification
बायोमेट्रिक पहचान न होने से परेशान हजारों फेरीवालों को राहत
हाईकोर्ट बायोमेट्रिक पहचान न होने से परेशान हजारों फेरीवालों को राहत

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने लाइसेंस के लिए पात्र पाए जाने के बाद बायोमेट्रिक पहचान न किए जाने के चलते परेशान तीन हजार से अधिक फेरीवालों को राहत प्रदान की है। हाईकोर्ट ने इन सभी फेरवीवालों को बायोमेट्रिक पहचान के लिए संबंधित प्राधिकरण के सामने उपस्थित रहने के लिए 6 सप्ताह तक समय दिया है। कोर्ट ने साफ किया है कि यदि इस अवधि के दौरान फेरीवाले अनुपस्थित रहते है तो उन्हें कड़ी कार्रवाई से दी गई अंतरिम राहत खत्म हो जाएगी। मामला पिंपरी चिंचवड महानगरपालिका के अंतर्गत आनेवाले फेरीवालों से जुड़ा है। जिन्होंने महाराष्ट्र फेरीवाला क्रांति महासंघ के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। न्यायमूर्ति आरडी धानुका व न्यायमूर्ति एमजी सिविलिकर की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता क्रांति एल.सी ने पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि जिस ठेकेदार को बायोमेट्रिक पहचान से जुड़ा काम दिया गया था वह बीच में काम छोड़कर चला गया। इसके चलते बहुत से फेरीवालों की बायोमेट्रिक  पहचान नहीं हो पायी है। 

 याचिका पर सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने पाया कि साल 2014 में किए गए सर्वेक्षण के मुताबिक 9025 फेरीवालों की पहचान पात्रफेरीवालों के रुप में की गई है। इसमें से 5923 पात्रफेरीवाले बायोमेट्रिक पहचान के लिए आए थे। जिनका मनपा ने बायोमेट्रिक पहचान की प्रक्रिया पूरी की है। लेकिन अभी भी 3102 फेरीवाले है जो पात्र है लेकिन इनकी बायोमेट्रिक पहचान नहीं हुई है।  इसलिए इन्हें आशंका है कि इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है और उन्हें उनके कार्यस्थल से हटाया जा सकता है। अब तक 4001 फेरीवाले अपना लाइसेंस ले चुके है। इसके मद्देनजर खंडपीठ ने कहा कि 6 सप्ताह के भीतर पात्रफेरीवाले बायोमेट्रिक पहचान के लिए संबंधिक प्राधिकरण के सामने उपस्थित रहे। यदि ये फेरीवाले इस अवधि के दौरान अनुपस्थित रहेंगे तो उन्हें कड़ी कार्रवाई से 13 अक्टूबर 2021 को दी गई अंतरिम राहत खत्म हो जाएगी। खंडपीठ ने मनपा को इस बारे में स्थानिय अखबार में विज्ञापन देने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही खंडपीठ ने मनपा को नए सिरे से भी फेरीवालों का सर्वेक्षण करने को भी कहा है और सर्वेक्षण से जुड़े कार्य को पूरा करने के लिए 14 नवंबर 2022 तक का समय दिया है। इस बीच खंडपीठ को बताया कि फेरीवालों को लेकर नई योजना तैयार की गई है और उसे मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया है। इस पर खंडपीठ ने राज्य सरका इस योजना को शीघ्रता से मंजूरी प्रदान करे। 

 

Created On :   12 July 2022 7:57 PM IST

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