हाईकोर्ट ने 16 साल से जेल में बंद आरोपी को दी जमानत, जिहाद की तत्परता को लेकर सबूत नहीं

High court granted bail to the accused who has been in jail for 16 years
हाईकोर्ट ने 16 साल से जेल में बंद आरोपी को दी जमानत, जिहाद की तत्परता को लेकर सबूत नहीं
 औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामला हाईकोर्ट ने 16 साल से जेल में बंद आरोपी को दी जमानत, जिहाद की तत्परता को लेकर सबूत नहीं

डिजिटल डेस्क, मुंबई। आरोपी जिहाद के लिए प्रोत्साहित करनेवाली बैठक में शामिल हुआ था महज इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी जिहाद में अपनी निभाने के लिए तत्पर व इच्छुक था। क्योंकि प्रथम दृष्टया इसका पुख्ता सबूत नजर नहीं आता है। बांबे हाईकोर्ट ने यह बात कहते हुए औरंगाबाद हथियार बरामदगी मामले में 16 साल से जेल में बंद आरोपी को जमानत प्रदान की है। इस मामले में आरोपी बिलाल अहमद को आतंकवाद निरोधक दस्ते ने नांदेड़ में हुए बम धमाके मामले की जांच के दौरान  27 मई 2006 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विशेष अदालत ने आरोपी को साल 2016 में अजीवान कारावास की सजा सुनाई थी। जिसके खिलाफ आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी और अपील के प्रलंबित रहते जमानत पर रिहा करने व सजा को निलंबित करने का आग्रह किया था। 

न्यायमूर्ति रेवती मोहिते ढेरे व न्यायमूर्ति वीजी बिस्ट की खंडपीठ के सामने आरोपी की याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान आरोपी के वकील मोमिन सोलकर ने खंडपीठ के सामने कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जो इस मामले में आरोपी की संलिप्तता की पुष्टी करता हो। इसके अलावा आरोपी गिरफ्तारी के बाद से हिरासत में है। जो की करीब 16 साल के आसपास है। अभी आनेवाले समय में शीघ्रता से आरोपी की जमानत पर सुनवाई की गुंजाइस नहीं है। उन्होंने कहा कि मेरे मुवक्किल को मामले में सह आरोपी के इकबालिया बयान के आधार दोषी ठहराया गया है। जो उसकी जिहाद को लेकर हुई बैठक में शामिल होने की बात कहता है। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इसलिए आरोपी को जमानत प्रदान की जाए।

वहीं सरकारी वकील ने आरोपी की जमानत का विरोध किया और कहा कि आरोपी को लेकर निचली अदालत का फैसला सही है। इसलिए आरोपी को जमानत न प्रदान की जाए। 
मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी जमानत का हकदार नजर आ रहा है। क्योंकि वह 16 साल से जेल में बंद है। खंडपीठ ने कहा कि आरोपी जिहाद में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करनेवाली बैठक में शामिल हुआ था महज इससे यह नहीं कहा जा सकता है कि आरोपी जिहाद में अपनी भूमिका निभाने के लिए तत्पर एवं इच्छुक था। इसके अलावा आरोपी के खिलाफ कोई पुख्ता व ठोस सबूत नजर नहीं आता है। इस तरह खंडपीठ ने आरोपी को 50 हजार रुपए के मुलचलके, एक अथवा दो जमानतदार देने की शर्त पर जमानत प्रदान कर दी। इसके अलावा खंडपीठ ने आरोपी पर कई और शर्ते भी लगाई है। 
 

Created On :   15 July 2022 9:59 PM IST

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