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सिंचाई घोटाले में अजित पवार को राहत नहीं, रिपोर्ट पेश करने के आदेश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बाम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चल रहे सिंचाई घोटाले पर केंद्रित याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान अजित पवार के अधिवक्ता श्याम देवानी ने पवार काे इस मामले में बेकसूर बताते हुए उनका नाम याचिका से हटाने की अपील की है, लेकिन हाईकोर्ट ने फिलहाल इससे इंकार कर दिया है। बीते अगस्त में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने एसीबी को अमरावती जिले के लोअर पेढ़ी, चांदुर रेलवे के रायगढ़ नदी सिंचाई प्रकल्प, दर्यापुर के वाघाटी सिंचाई प्रकल्प समेत बुलढाणा के जिगांव सिंचाई प्रकल्प की जांच के आदेश दिए थे। बुधवार को बुलढाणा जिले के डिप्टी एसपी की ओर से हाईकोर्ट को सिर्फ जिगांव प्रकल्प की जांच की जानकारी प्रस्तुत की गई। इस पर नाराज हाईकोर्ट ने अब एसीबी महासंचालक को चार सप्ताह में सभी चार प्रकल्पों की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
याचिकाकर्ता अतुल जगताप का दावा है कि, प्रकल्पों का ठेका प्राप्त करने के लिए बाजोरिया कंस्ट्रक्शन कंपनी ने फर्जी दस्तावेज पेश किए। याचिका के अनुसार कंपनी संचालक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विधायक संदीप बाजोरिया हैं और पूर्व उपमुख्यमंत्री पवार के नजदीकी हैं। ऐसे में कंपनी को दोनों ठेका राजनीतिक प्रभाव के कारण मिले हैं। याचिकाकर्ता के अनुसार, विदर्भ सिंचाई महामंडल ने दोनों प्रकल्पों के काम के लिए ठेकेदार को एडवांस में भुगतान किया है। दस्तावेजों की नोट शीट पर भी अजित पवार के हस्ताक्षर हैं। चांदूर रेलवे के प्रकल्प का काम 2010 में और वाघाडी का काम 2012 तक पूरा करना जरूरी था, लेकिन अब तक प्रकल्पों का निर्माणकार्य पूरा नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता की तरफ से एड. श्रीधर पुरोहित ने पक्ष रखा।
Created On :   1 Nov 2017 11:41 PM IST