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हाईकोर्ट : नागपुर-नंदुरबार और परभणी कलेक्टर तलब, राज्यभर में 15 हजार 865 वेटलैंड की हुई पहचान
डिजिटल डेस्क, मुंबई। आर्द्रभूमि क्षेत्र (वेटलैंड) को लेकर गलत जानकारी उपलब्ध कराने के लिए बांबे हाईकोर्ट ने नागपुर, नंदुरबार व परभणी के जिलाधिकारी को कोर्ट में तलब किया है। हाईकोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के दौरान तीनों जिले के जिलाधिकारों को सफाई देने को कहा है कि उन्होंने राज्य के पर्यावरण विभाग को वेट लैंड के बारे में गलत जानकारी क्यों उपलब्ध कराई थी। हाईकोर्ट में वनशक्ति नामक गैर सरकारी संस्था की ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई चल रही है। याचिका में मांग की गई है कि सरकार को राज्यभर में वेटलैंड की पहचान करने का निर्देश दिया जाए। ताकि ऐसी जमीनों का संरक्षण किया जा सके और नष्ट होने से बचाया जा सके।
बुधवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एसजे काथावाला व न्यायमूर्ति बीपी कुलाबावाला की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान पर्यावरण विभाग के सचिव ने कोर्ट में हलफनामा दायर किया। जिसमें कहा गया है कि आंद्रक्षेत्र की मानचित्र पुस्तिका के मुताबिक राज्य भर में 15 हजार 865 वेट लैंड की पहचान की गई है। इसमें से नागपुर में 561, परभणी में 78 व नंदुरबार में 164 वेट लैंड की पहचान की गई है। इससे पहले राज्य के पर्यावरण विभाग के उप सचिव ने हलफनामा दायर कर कहा था कि नागपुर,नंदुरबार व परभणी में कोई वेट लैंड नहीं है। लेकिन बुधवार को दायर किए गए हलफनामे में खंडपीठ ने पाया कि नागपुर, नंदुरबार व परभणी में वेटलैंड है।
इस पर सरकारी वकील ने कहा कि नागपुर,नंदुरबार व परभणी जिले से पर्यावरण विभाग को सहीं जानकारी नहीं मिल पायी थी। इस कारण पहले के हलफनामे में इन तीनों इलाकों में वेटलैंड न होने की बात कही गई थी। सरकारी वकील की इन दलीलों से क्षुब्ध खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के दौरान नागपुर,नंदुरबार व परभणी जिले के जिलाधिकारी को कोर्ट में हाजिर रहने का निर्देश दिया और उनसे पर्यावरण विभाग को गलत जानकारी देने के बारे में सफाई भी मांगी है। खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई एक सप्ताह तक के लिए स्थगित कर दी है।
Created On :   29 Jan 2020 1:38 PM GMT