हाईकोर्ट : चैनलों की नई दरों के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इंकार

High court: Refusal to grant interim relief against new rates of channels
हाईकोर्ट : चैनलों की नई दरों के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इंकार
हाईकोर्ट : चैनलों की नई दरों के खिलाफ अंतरिम राहत देने से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने भारतीय दूर संचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) द्वारा टीवी चैनलों की तय की गई नई टैरिफ पॉलिसी के खिलाफ याचिका दायर करने वाले इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन को फिलहाल अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया है। इसके साथ ही ट्राई को इस मामले में हलफनामा दायर करने को कहा है।  

ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन टीवी ब्राडकास्टर की प्रतिनिधि संस्था है। ट्राई ने दिसंबर 2019 में उपभोक्ताओं के हित को ध्यान में रखते हुए टैरिफ दर से जुड़े नियमों में संसोधन किया है। जिसके खिलाफ इंडियन ब्राडकास्टिंग फाउंडेशन व अन्य संस्थानों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में ट्राई के निर्णय को मनमानीपूर्ण व असंवैधानिक बताया गया है। इसके साथ ही दावा किया गया है कि यह ब्राडकास्टर के कारोबार करने के मौलिक अधिकारों का हनन करता है। 

उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद है ट्राई का फैसला

पहले फ्री टू एयर चैनल के लिए उपभोक्ता को 130 रुपए के शुल्क का भुगतान करना पड़ता था। अतिरिक्त चैनल देखने के लिए अलग से भुगतान करना पड़ता था। लेकिन पिछले माह किए गए नियमों में संसोधन के चलते अब उपभोक्ता को नेटवर्क कैपासिटी फीस के रुप में 130 रुपए ही देने होंगे और उसे 200 चैनल देखने को मिलेंगे। ट्राई ने सभी ब्राडकास्टर को हर चैनल के लिए वसूल किए जाने वाले शुल्क का खुलासा करना भी अनिवार्य किया है और इसके लिए 15 जनवरी 2020 तक का समय दिया है। 

शुक्रवार को ब्राडकास्टर फाउंडेशन की याचिका न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति रियाज छागला की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता जनक द्वारकादास ने कहा कि ट्राई की ओर से टैरिफ रेट को लेकर संशोधित नियमों पर रोक लगाई जाए। क्योंकि यह नियमों के खिलाफ है। यह ब्राडकास्टर के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। इस तरह के निर्णय से दूरसंचार प्रगति पर विपरीत असर पड़ेगा।

वहीं ट्राई की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता व्यक्टेसन धोंड ने कहा कि ट्राई ने सभी के हित को ध्यान में रखकर नए नियम बनाए औैर ब्राडकास्टर को पर्याप्त समय भी दिया गया था। लेकिन अंतिम समय में कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका पर जवाब देने के  लिए ट्राई को समय दिया जाए। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 22 जनवरी तक के लिए स्थगित कर दी। और किसी तरह का अंतरिम आदेश जारी करने से इंकार कर दिया। 
 

Created On :   14 Jan 2020 1:46 PM GMT

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