जॉनसन एंड जॉनसन का लाईसेंस बहाल

जॉनसन एंड जॉनसन का लाईसेंस बहाल
जॉनसन एंड जॉनसन का लाईसेंस बहाल
हाईकोर्ट जॉनसन एंड जॉनसन का लाईसेंस बहाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने बेबी पाउडर बाननेवाली कंपनी जॉनसन एडं जॉनसन  को बड़ी राहत दी है। हाईकोर्ट ने बुधवार को कंपनी के पाउडर के उत्पादन के लाइसेंस को रद्द करनेवाले राज्य सरकार के अन्न व औषध प्रशासन (एफडीए) के आदेश को रद्द कर दिया है।इससे कंपनी के पाउडर के उत्पादन,वितरण व बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। हाईकोर्ट ने एफडीए की ओर से कंपनी के लाइसेंस रद्द करने के निर्णय को कठोर,अतार्किक व अनुचित माना है। 

न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति एसजी दिगे की खंडपीठ ने कंपनी के पॉवडर के नमूनों की जांच में विलंब के लिए एफडीए को कड़ी फटकार लगाई। एफडीए की ओर से दो साल पहले जांच के लिए कंपनी के बेबी पाउडर के नमूने लिए गए थे लेकिन इसकी जांच में काफी देरी की गई। जबकि यह काम शीघ्रता से किया जाना चाहिए था।  खंडपीठ ने कहा कि प्रसाधन से जुड़े उत्पाद (कॉसमेटिक प्रोडक्ट) में गुणवत्ता से जुड़े मानकों का पालन किया जाना बहुत जरुरी है। लेकिन ऐसे उत्पाद की जांच एक तर्कसंगत समयावधि के भीतर किया जाना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो उत्पाद बनानेवाले प्रतिष्ठान को काफी नुकसान झेलना पड़ता है। क्योंकि इससे भारी संख्या में उत्पाद इस्तेमाल करने लायक नहीं रह जाते हैं।

खंडपीठ ने अपने फैसले में साफ किया है कि बेबी पाउडर की जो नए सिरे से जांच की गई है। उसमें पाउडर के नमूने तय मापदंडों के अनुरुप पाए गए हैं। इसके मद्देनजर कंपनी को राहत प्रदान की जाती है। इससे पहले एफडीए ने 15 सितंबर 2022 कोइस पाउडर को बच्चों की त्वचा के लिए हानिकारक मानते हुए पाउडर बनाने के लाइसेंस को रद्द कर दिया था। जबकि 20 सितंबर 2022 को आदेश जारी कर तुरंत पाउडर के उत्पादन व बिक्री को बंद करने का आदेश दिया था। इन दोनों फैसलों को कंपनी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी थी। याचिका में कंपनी ने दावा किया था कि वह 57 सालों से पाउडर का उत्पादन कर रही है। एफडीए की ओर से लाइसेंस रद्द किए जाने के कारण उसे रोजाना 2.50 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है।

चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल न करें अधिकारी 

याचिका पर सुनवाई के बाद दिए अपने फैसले में खंडपीठ ने कहा कि सरकारी अधिकारी को चींटी को मारने के लिए हथौड़े का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।  इस मामले में एफडीए की ओर से कंपनी के प्रति काफी कठोर व अतार्किक रुख अपनाया है। 
 

Created On :   11 Jan 2023 10:08 PM IST

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