हाईकोर्ट ने कहा - बच्चों के गोद लेने में रुकावट पैदा न करे बाल कल्याण कमेटी

High court said - Child welfare committee should not obstruct the adoption of children
हाईकोर्ट ने कहा - बच्चों के गोद लेने में रुकावट पैदा न करे बाल कल्याण कमेटी
हाईकोर्ट ने कहा - बच्चों के गोद लेने में रुकावट पैदा न करे बाल कल्याण कमेटी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बच्चों को दत्तक लेने के इच्छुक 6 अभिभावकों के आवेदन के निपटारे में हो रहे विलंब पर अप्रसन्नता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने पिछले साल नवंबर में मुंबई की सिटी सिविल कोर्ट को दत्तक आवेदन का निपटारा करने का निर्देश दिया था। दरअसल दत्तक लेने के इच्छुक अभिभावकों पर दलालों से नवजात शिशु खरीदने का आरोप है। पुलिस ने इस प्रकरण में अभिभावकों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया है। जिसे रद्द किए जाने की मांग को लेकर अभिभावकों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। जिस पर सुनवाई के बाद कोर्ट ने दो माह के भीतर सिविल कोर्ट को दत्तक आवेदन पर निर्णय लेने को कहा। 

दलालों से नवजात शिशु खरीदने का आरोप

पिछले साल हाईकोर्ट ने अभिभावकों को बच्चों को बाल कल्याण कमेटी को सौंपने का आदेश दिया था और उन्हें रोजाना बच्चों से मिलने की छूट दी थी। इसके साथ ही अभिभावकों को कोर्ट में दत्तक के लिए आवेदन दायर करने को कहा था। न्यायमूर्ति साधना जाधव व न्यायमूर्ति एन जे जामदार की खंडपीठ के सामने याचिका पर सुनवाई हुई। 

इस दौरान एक याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता राजा ठाकरे ने कहा कि न्यायालय के आदेश के बावजूद दत्तक से जुड़े आवेदनोम पर निर्णय नहीं किया गया है। नवंबर 2019 में इस संबंध में निर्देश दिया गया था। जबकि कमेटी को अभिभावकों की पृष्ठभूमि के बारे में रिपोर्ट देने को कहा था। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने अप्रसन्नता जाहिर की और सिटी सिविल कोर्ट को आठ सप्ताह में आवेदन पर निर्णय लेने के साथ ही बाल कल्याण कमेटी को दत्तक प्रक्रिया में अवरोध न पैदा करने को कहा। इससे पहले खंडपीठ ने कहा कि हम जानते हैं कि कोरोना के चलते अदालत के कामकाज पर असर पड़ा है। 

Created On :   17 Aug 2020 5:46 PM IST

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