हाईकोर्ट ने कहा - धर्म से महत्वपूर्ण है लोगों का स्वास्थ्य, कुर्बानी पर रोक में हस्तक्षेप से इंकार

High court said - health of people is more important than religion, No interfere in ban imposed on sacrifice
हाईकोर्ट ने कहा - धर्म से महत्वपूर्ण है लोगों का स्वास्थ्य, कुर्बानी पर रोक में हस्तक्षेप से इंकार
हाईकोर्ट ने कहा - धर्म से महत्वपूर्ण है लोगों का स्वास्थ्य, कुर्बानी पर रोक में हस्तक्षेप से इंकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोगों का स्वास्थ्य किसी भी धर्म से ऊपर है। राज्य प्रशासन ने कोविड के चलते पैदा हुई परिस्थितियों को ध्यान रखते हुए प्राणियों की कुर्बानी की संख्या पर पाबंदी लगाई है। बांबे हाईकोर्ट ने मंगलवार को बकरीद के दिन प्राणियों की कुर्बानी की संख्या सीमित किए जाने को लेकर मुंबई महानगरपालिका के निर्णय पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया। मुंबई महानगरपालिका ने 21 जुलाई से 23 जुलाई के बीच बकरीद के मौके पर एक दिन में देवनार कत्लखाने में सिर्फ 300 भैसों की कुर्बानी की अनुमति प्रदान की है। जिसके खिलाफ अल कुरैशी ह्युमन वेलफेयर एसोसिएशन सहित एक अन्य शख्स ने जनहित याचिका दायर की थी। याचिका में मुख्य रुप से कुर्बानी के लिए तय संख्या को बढाने, कुर्बानी स्थल को लेकर दिशा-निर्देश जारी करने व राज्य के ग्रामीण इलाके से लोगों को मुंबई में पशु लाने की अनुमति देने की मांग की गई थी। 

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ के सामने यह याचिका सुनवाई के लिए आई। याचिका के मुताबिक मनपा ने 19 जुलाई को परिपत्र जारी कर 21 से 23 जुलाई 2021 के बीच सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक हर दिन तीन सौ भैसों की कुर्बानी की अनुमति दी है। जबकि सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि मुंबई मनपा को कुर्बानी के लिए सात सौ से एक हजार बड़े पशुओं की कुर्बानी देने की अनुमति देने का निर्देश दिया जाए। 

इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील तनवीर निजाम ने कहा कि मुंबई मनपा ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए थे कि सीमित संख्या में कुर्बानी की इजाजत दी जाएगी। इसलिए लोगों ने बड़ी संख्या में पशुओं को कुर्बानी के लिए खरीदा है। इस पर खंडपीठ ने कहा कि सार्वजनिक स्वास्थ्य धर्म से ऊपर है। प्रशासन ने कोविड की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कुर्बानी की संख्या को सीमित रखने का निर्णय किया है। अन्यथा स्थिति को संभालना कठिन हो जाएगा। 

वहीं मुंबई मनपा की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल साखरे ने कहा कि भीड़ पर नियंत्रण के लिए कुर्बानी की संख्या को सीमित किया गया है। तीन दिन में सिर्फ 900 सौ बड़े प्राणियों की कुर्बानी की इजाजत दी गई है। पिछले साल एक दिन में केवल 150 पशुओं की कुर्बानी की इजाजत दी गई थी। इस बार एक दिन में 300 सौ पशुओं की कुर्बानी की अनुमति दी गई है। दो जुलाई 2021 को राज्य सरकार की ओर से लिए गए निर्णय के तहत मनपा ने 19 जुलाई 2021 को परिपत्र जारी किया है। आनेवाले दिनों में गणपति, नवरात्री व दूसरे त्यौहार आएंगे। कोराना की तीसरी लहर की आशंका के मद्देनजर हम सर्तकता बरत रहे हैं।

Created On :   20 July 2021 7:21 PM IST

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