हाईकोर्ट ने कहा - आवारा कुत्तों पर नियंत्रण के लिए व्यवस्था बनना जरुरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने सड़कों पर अवारा कुत्तों की बढ़ती संख्या को लेकर कहा है कि ऐसे कुत्तों के नियमन के लिए व्यवस्था बनाना जरुरी है। जिसके तहत अवारा कुत्तों की नसबंदी, टीका, उन्हें भोजन देने जैसे विषयों को देखा जा सके। कोर्ट ने इसके लिए गैर सरकारी संस्थाओं के सहयोग को जरुरी माना है। न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति गौतम पटेल की खंडपीठ ने कहा कि इस मामले में आवारा कुत्तों के कल्याण के लिए कई दशक से काम कर रही "दी वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग' नामक संस्था से सहयोग लिया जा सकता है। खंडपीठ के सामने नई मुंबई सीवुड रिहायसी काम्प्लेक्स में रहनेवाले 6 लोगों की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है।याचिका में नई मुंबई महानगरपालिका को आवारा कुत्तों को भोजन कराने के लिए सार्वजनिक जगह चिन्हित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। सोसायटी परिसर में कुत्तों को भोजन कराने पर इन 6 लोगों पर हाउसिंह सोसायटी ने जुर्माना लगाया है।याचिकाकर्ताओं ने जुर्माने को भी चुनौती दी है। इस मामले में याचिकाकर्ताओं व सीवुड इस्टेट लिमिटेड के बीच विवाद चल रहा है। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने कहा कि सोसायटी की ओर से याचिका कर्ताओं के घर में नौकरो, ड्राइवर व दूसरे लोगों को जाने से रोकना उचित नहीं है। इस मामले का हल निकालना जरुरी है।
खंडपीठ ने कहा कि जब हमारे सामने आवारा कुत्तों की भारी संख्या है तो ऐसे कुत्तों के कल्याण,टीकाकरण, नसबंदी व भोजन के लिए व्यवस्था बनाना जरुरी है। इसके लिए कुत्तों के कल्याण के लिए काम करनेवाली गैर सरकारी संस्थाओं से सहयोग लिया जा सकता है। क्योंकि याचिका में व्यापक मुद्दे को उठाया गया है।जिसमें आवारा कुत्तों की देखरेख व नियंत्रण के अलावा नागरिकों के अधिकार का मुद्दा भी आता है। खंडपीठ ने कहा कि इस विषय में दी वेलफेयर ऑफ स्ट्रे डॉग संस्था की मदद ली जा सकती है।क्योंकि यह संस्था दशकों से कुत्तो के कल्याण के लिए काम कर रही है। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को इस दिशा में कदम बढाने को कहा है। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर अगली सुनवाई 2 मार्च 2023 को रखी है।
Created On :   16 Jan 2023 9:13 PM IST