एचटीबीटी बीज बोने वाले किसानों को हाईकोर्ट से राहत

HTBT seed farmers relief from bombay high court
एचटीबीटी बीज बोने वाले किसानों को हाईकोर्ट से राहत
एचटीबीटी बीज बोने वाले किसानों को हाईकोर्ट से राहत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एचटीबीटी और जीएम बीज बोने वाले कपास किसानों के खिलाफ विदर्भ और मराठवाड़ा में कई मामले दर्ज हैं। इसमें से कुछ किसानों ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ की शरण लेकर अपने दर्ज मामले को चुनौती दी है। याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने प्रतिवादी गृह विभाग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा तथा तब तक पुलिस को याचिकाकर्ता किसानों के विरुद्ध कोई कड़ी कार्रवाई न करने के आदेश दिए हैं। कपास के बेहतर उत्पादन के लिए एचटीबीटी और जीएम बीज के उपयोग को अब तक केंद्र सरकार ने मान्यता नहीं दी है, लेकिन कम खर्च और ज्यादा फसल की उम्मीद रखने वाले किसानों ने अनाधिकृत रुप से इसे बोया।

किसानों का तर्क है कि, यह बीज बेहतर गुणवत्ता का है और इसमें कीट नहीं लगते। प्रदेश में कई जगह इन्हें मान्यता दिलाने के लिए आंदोलन भी हुए। आंदोलन स्वरूप कई किसानों ने इन बीजों को बोया, तो उन पर मामले दर्ज किए गए, जिसके बाद अब मामला हाईकोर्ट पहुंचा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. सतीश बोरुलकर और एड. धारस्कर ने पक्ष रखा।  इसके बाद शेतकरी संगठन नेता राम नेवले के नेतृत्व मंे हुई पत्रकार परिषद में यह जानकारी दी गई। 

मौसम विभाग की वेधशाला रही सूखी
शहर सोमवार को दोपहर बाद से पानी-पानी होता रहा। दूसरी तरफ मौसम विभाग की विमानतल स्थित वेधशाला सूखी-सूखी रही। दरअसल, मौसम विभाग का कार्यालय व वेधशाला शहर के पश्चिमी छोर पर विमानतल के पास स्थित है। ऐसे में कई बार शहर में मूसलाधार बारिश होती है, लेकिन वेधशाला के आस-पास ज्यादा वर्षा न होने से शहर में हुई वर्षा के सही आंकड़े ही दर्ज नहीं हो पाते। पूर्व में शहर के मध्य स्थित मेयो अस्पताल में भी मौसम विभाग का वर्षामापी लगा हुआ था। वास्तव में यहां मौसम विभाग की पहली वेधशाला थी। इससे शहर में हुई वास्तविक वर्षा का सही सही आकलन हो पाता था। कई वर्ष पूर्व इसे मौसम विभाग ने बंद कर दिया और शहर के एक छोर पर स्थित वेधशाला से आंकड़े जारी किए जाने लगे।

Created On :   6 Aug 2019 8:13 AM GMT

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