कोषागार कार्यालय में लगा फाइलों का अंबार, कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

Huge crowd of government officials and employees for bill deposit
कोषागार कार्यालय में लगा फाइलों का अंबार, कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश
कोषागार कार्यालय में लगा फाइलों का अंबार, कलेक्टर ने दिए सख्त निर्देश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। 31 मार्च आर्थिक वर्ष की समाप्ति पर जिला कोषागार कार्यालय में बिल जमा करने आए सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों की भारी भीड़ रही। कोषागार कार्यालय में फाइलों का अंबार लग गया। देर रात तक कोषागार कार्यालय में शासकीय विभागों के बिल स्वीकार किए गए। किसी विभाग का बिल न रह जाए, इसका विशेष ख्याल रखा गया। देर रात तक सैकड़ों करोड़ के बिल स्वीकार किए गए। जिलाधीश सचिन कुर्वे ने 31 मार्च को आर्थिक वर्ष के आखरी दिन कोषागार कार्यालय का दौरा कर कोषागार अधिकारियों से चर्चा की। कामकाज का मुआयना करने के साथ ही विकास कार्यों के लिए मिली निधि वापस न जाए, इसका विशेष ख्याल रखने को कहा। कोषागार कार्यालय की वार्षिक जांच भी की। 

जिलाधीश सचिन कुर्वे ने की कोषागार कार्यालय की वार्षिक जांच 
सरकार की तरफ से हर विभाग को विकास कार्यों पर खर्च करने के लिए निधि आवंटित की जाती है। यह निधि 31 मार्च तक खर्च की जा सकती है। 31 मार्च तक निधि खर्च नहीं होने पर वापस चली जाती है। इससे बचने के लिए हर अधिकारी-कर्मचारी 31 मार्च को रात तक कोषागार कार्यालय पहुंचा आैर अपना बिल सबमिट किया। बिल सबमिट करने पर कोषागार कार्यालय से टोकन मिलता है। टोकन मिलने पर अधिकारी राहत की सांस ले रहे। टोकन मिलने से इस बात की पुष्टि होती है कि, संबंधित बिल स्वीकार कर लिया गया है। अब यह निधि वापस नहीं जाएगी। शासकीय विभागों में विकास कार्य व प्रोजेक्ट पर साल भर काम चलते रहते हैं।

विकास कार्य पर हुए खर्च के बिल टुकड़ों-टुकड़ों में निकलते रहते हैं। बिल को संबंधित विभागों से मंजूरी मिलने के बाद इसे कोषागार कार्यालय में जमा करना पड़ता है। जितने बिल कोषागार कार्यालय स्वीकार करेगा, उतनी निधि खर्च हुई ऐसा माना जाएगा। बिल स्वीकार करने के लिए 31 मार्च को कोषागार कार्यालय में विशेष काउंटर भी लगाए गए थे। रात तक बिल स्वीकार करने की सूचना पहले ही कोषागार अधिकारी व कर्मचारियों को दी गई थी। सूत्रों के अनुसार दर्जनों विभागों ने शनिवार को सैकड़ों करोड़ के बिल पेश किए। ये सभी बिल स्वीकार किए गए। कोषागार कार्यालय परिसर में बिल जमा करने आए कर्मचारियों की रात को भी भीड़ बनी हुई थी। 

बिल जमा करने आए सभी का बिल स्वीकार 
जिलाधीश सचिन कुर्वे ने कामकाज का जायजा लिया। काेषागार अधिकारियों से चर्चा की आैर विकास कार्य का निधि वापस न जाए, इसका ख्याल रखने को कहा। बिल जमा करने आए सभी का बिल स्वीकार करने को कहा। कोषागार कार्यालय में प्रलंबित बिलों के संबंध में भी जानकारी ली। विकास कार्यों के लिए मिला निधि अखर्चित न रहे, इस बारे में भी चर्चा की। जिला कोषागार कार्यालय की वार्षिक जांच भी पूरी की। वार्षिक जांच कार्य पूरा करने के बाद जिलाधीश ने विविध विभागों को भेंट दी। इस दौरान वरिष्ठ कोषागार अधिकारी अमोद कुंभोजकर, अपर कोषागार अधिकारी श्रीमती धोपे, सतीश गोस्वामी, दिलीप राऊत, शुभांगी धुर्वे, जिलाधीश कार्यालय के लेखा अधिकारी श्री गावंडे आदि उपस्थित थे। 

देर रात तक शुरू रहा आबकारी विभाग 
जिलाधीश परिसर स्थित आबकारी विभाग 31 मार्च को देर रात तक शुरू रहा। 1 अप्रैल से सभी शराब लाइसेंस का रिन्युअल करना पड़ता है। रिन्युअल प्रक्रिया देर रात तक जारी रही। यहां आने वाले लोगों को धूप से बचाने के लिए आबकारी कार्यालय के सामने पंडाल लगाया गया था। ठंडे पानी की व्यवस्था भी की गई थी। शहर के साथ ही जिले भर से लोग लाइसेंस रिन्युअल की प्रक्रिया पूरी करने पहुंचे थे। यह प्रक्रिया 1 अप्रैल को भी जारी रहेगी।
 

Created On :   1 April 2018 5:05 PM IST

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