परियाेजना पीड़ितों के विराट मोर्चे ने दी जिलाधिकारी कार्यालय पर दस्तक
डिजिटल डेस्क, वाशिम. परियोजना ग्रस्ताें के न्याय-अधिकार को लेकर बलिराजा प्रकल्पग्रस्त कृति संघर्ष समिति की ओर से किसान नेता माणिकराव गंगावणे के नेतृत्व में मंगलवार 28 मार्च को जिलाधिकारी कार्यालय पर महामोर्चा निकाला गया । माेर्चे में हज़ारों परियोजना ग्रस्त महिलाओं समेत शामिल हुए। इस अवसर पर मुख्तार पटेल, रत्नप्रभाबाई घूगे, वाशिम जिला सेना प्रमूख डा. सुधीर कव्हर, बबलू दूर्गे, भगवानराव पंडीत अमरावती, विदर्भ प्रदेशाध्यक्ष मनोज तायडे, दामूआण्णा इंगोले, जिलाध्यक्ष माणिकराव गंगावणे आदि ने विचार व्यक्त करते हुए किसानों पर हो रहे अन्याय से अवगत कराया । वाशिम जिले में बड़े पैमाने पर जलसिंचाई परियोजना निर्माण की गई और कुछ परियोजनाएं निर्माणाधिन है। वर्ष 2006 से दिसम्बर 2013 की समयावधी में परियोजनाओं के लिए जिन किसानों ने अपने जीने का एकमात्र साधन ज़मीन दे दी उन्हें अब तक उचित मुआवज़ा नही मिला। साथ ही सीधी खरीदी पध्दति से 39 हज़ार रुपए प्रती एकड़ से 2 लाख रुपए प्रती एकड़ के अनुसार अत्यल्प दर से सीधी खरीदी पध्दति से ज़मिनें संपादित की गई। ज़मीन देने के लिए विरोध करनेवाले किसानों को अधिक दर 20 लाख रुपए एकड़ से मुआवज़ा दिया गया। विशेष रुप से जिन भू-धारकों ने शासन के आव्हान को प्रतिसाद देकर ज़मिनें दी, उनकी सीधी खरीदी पद्धति से अत्यल्प दर से ज़मिनें खरीदी जिससे परियोजना ग्रस्ताें को भारी नुकसान हुआ । इस कारण सीधी खरीदी धारकों मंे भारी असंतोष होने से उन्हें न्याय दिलाने हेतु परियोजना ग्रस्ताें के महामोर्चे का आयोजन किए जाने की जानकारी बलिराजा प्रकल्पग्रस्त कृति समिति के जिलाध्यक्ष माणिकराव गंगावणे ने दी। मंगलवार को निकाला गया महामोर्चा छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के पास से पाटणी चौक, डा. बाबासाहब आंबेडकर चौक, बस स्टैंड होते हुए जिलाधिकारी कार्यालय पर ले जाया गया। उक्त मांगों को लेकर 4 मार्च से 10 अप्रैल 2022 तक 38 दिन प्राणांतिक महाअनशन विभागीयस्तर पर जिलाधिकारी कार्यालय परिसर अमरावती में किया गया था। उस अनशन की दखल लेकर तत्कालिन शासन ने 16 मार्च 2022 और 27 अप्रैल 2022 को मंत्रालय मुंबई मंे जलसंपदा मंत्री के साथ प्रकल्पग्रस्त समिति शिष्टमंडल की बैठक आयोजित की थी। बाद मंे 29 दिसंबर 2022 को अपर मुख्य सचिव (जलसंपदा) व लाभक्षेत्र विकास की अध्यक्षता में बलिराजा संगठन की बैठक हुई लेकिन किसानों के दामन में कुछ नही आया। इस कारण शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए महामोर्चा निकाले जाने की जानकारी भी माणिकराव गंगावणे ने दी ।
Created On :   29 March 2023 7:03 PM IST