आधा सैकड़ा बंगाली विस्थापितों को अभी तक नही मिले पट्टे, नहीं मिल रहा सरकारी सुविधाओं का लाभ

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आधा सैकड़ा बंगाली विस्थापितों को अभी तक नही मिले पट्टे, नहीं मिल रहा सरकारी सुविधाओं का लाभ

डिजिटल डेस्क, पन्ना। विस्थापन का गहरा दर्द झेल रहे बंगाली समुदाय के लोगों को कई साल गुजर जाने के बाद भी अपने अधिकारों के लिये संघर्ष करना पड़ रहा है। 1965, 1969, 1970, 1982 के दौरान विस्थापित हुए बंगाली परिवारों को शरणार्थी के रूप में देश तथा प्रदेश के कई स्थानों में स्थापित किये गये रिफ्यूजी कैम्पों में जगह दी।  इसके बाद भारत सरकार द्वारा बंगाली समुदाय के शरणार्थियों को मकान के लिए जमीन तथा भरण पोषण के लिये कृषि जमीन प्रदान की गयी थी।  उन्हे 10-20 वर्ष का लीज पट्टा दिया गया था इस लीज पट्टे की अवधि समाप्त हो जाने के बाद जहां अधिकांश लीज पट्टाधारियों को प्रदाय की गई जमीन के खसरे में भू-स्वामी दर्ज करने की कार्यवाही की गई। हिरगुवां, बाबूपुर, उड़की, हाटूपुर, दमचुआ गांव के लगभग 351 बंगाली परिवारों में से 295 बंगाली परिवारों को दिये गये पट्टे का राजस्व अभिलेख में नाम दर्ज किये जाने की कार्यवाही की गयी । लगभग आधा सैकड़ा से अधिक पट्टा धारियों का रिकार्ड भू-स्वामी के रूप में राजस्व अभिलेख में अभी तक नही किया गया है जिससे विस्थापित यह बंगाली परिवार बड़ी परेशानियों का सामना कर रहे है। जमीन में लगभग 40 से 50 साल से अधिक काबिज होने के चलते यह लोग मिली जमीन पर निरंतर खेती तो कर रहे है किंतु उन्हे शासन से मिलने वाली तमाम योजनाओं के लाभों से वंचित होना पड़ रहा है। 

विस्थापित बंगाली परिवारों को जो जमीन मिली थी वह उस समय लगभग पूरी तरह से बंजर जमीन थी जिस पर अपना पसीना बहाते हुये बंगालियों द्वारा उसे खेती करने लायक बनाया गया।  परेशान बंगाली किसानों का कहना है कि राजस्व अभिलेख में नाम इन्द्राज नही होने और पट्टा नही मिलने के चलते वह न तो किसान के्रडिट कार्ड बनवा पा रहे है और न ही उन्हे सोसायटी से खाद बीज उपलब्ध  हो पाता। करीब 20-25 साल से अधिकारियों तथा शासन तक यह बात पहुंचायी जा रही है परंतु जो शेष पट्टे राजस्व रिकार्ड में इंद्राज नही हो पाये है उन्हे राजस्व रिकार्ड में इंद्राज करने तथा भूमि का पट्टा देने को लेकर कोई कार्यवाही नही हो रही है। परेशान लोगों द्वारा तहसीलदार कलेक्टर के पास पहुंच कर कई बार आवेदन लगाये गये है और दिये गये इन आवेदनों का अभी तक कोई नतीजा निकल कर सामने नही आया है।
 

Created On :   30 May 2019 5:34 PM IST

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