मैं वचन देती हूँ कि ... अपना जीवन मानवता की सेवा के लिए समर्पित करूँगी
डिजिटल डेस्क जबलपुर। मैं अपना जीवन मानवता की सेवा के लिए समर्पित करूँगी। मेरे मरीज एवं हितग्राही का स्वास्थ्य एवं कुशलता मेरी पहली प्राथमिकता होगी। मैं अपने मरीजों की निजता एवं निर्णय लेने के अधिकार का सम्मान करूँगी। मैं मानव जीवन के प्रति सदैव सर्वोच्च सम्मान रखूँगी। मैं चिकित्सा सेवा का कार्य अंत:करण की शुद्धता, चिकित्सा सेवा के श्रेष्ठ एवं स्थापित मानदंडों के साथ करूँगी। मैं अपने चिकित्सकीय ज्ञान का उपयोग मेरे मरीजों की बेहतरी के लिए करूँगी। मैं दृढ़तापूर्वक पूर्ण स्वतंत्रता एवं स्वाभिमान के साथ यह वचन देती हूँ।.... और इस शपथ के साथ ही मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए चेहरों पर मुस्कान बिखर गई। शनिवार को मध्य प्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय का पहला दीक्षांत समारोह मानस भवन में आयोजित हुआ। यह पहला मौका था जब एनएमसी की गाइडलाइन के अनुसार मेडिकल स्टूडेंट्स को हिंदी में शपथ दिलाई गई। कार्यक्रम राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगु भाई पटेल की अध्यक्षता, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग के मुख्य आतिथ्य, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा मो. सुलेमान के विशिष्ट आतिथ्य में हुआ। इस मौके पर कुलपति समान शेखर, रजिस्ट्रार डॉ. प्रभात बुधौलिया एवं एग्जाम कंट्रोलर डॉ. सचिन कुचया भी मौजूद रहे।
कुछ ऐसा रहा नजारा
- राज्यपाल ने 2015 से 2018 तक के मेडिकल, डेंटल, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी, नर्सिंग व पैरामेडिकल आदि फेकल्टी के 73 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल व 120 विद्यार्थियों को डिग्रियाँ प्रदान कीं।
- कार्यक्रम में अतिथियों ने विश्वविद्यालय स्मारिका का विमोचन किया।
- 6वीं बटालियन के बैंड दल की प्रस्तुति रही खास।
- स्वर्ण पदक प्राप्त करने के बाद विद्यार्थियों ने ली सेल्फी।
- समारोह में पेरेंट्स की मौजूदगी ने प्रतिभागियों में उत्साह किया दो गुना।
चिकित्सकीय कार्य व्यवसाय नहीं बल्कि मानव सेवा
समारोह में राज्यपाल श्री पटेल ने कहा कि चिकित्सकीय कार्य व्यवसाय नहीं बल्कि मानव सेवा है और यह ईश्वर की कृपा से मिलता है। अत: मानवता की सेवा पूर्ण निष्ठा व ईमानदारी के साथ करें। कोविड काल में दुर्भाग्य से कुछ घटनाओं ने मानवता को शर्मशार किया है। वहीं ऐसे भी चिकित्सक थे, जिन्होंने परिवार की चिन्ता किए बिना मरीजों की चिन्ता की। मैं आप सभी से अपेक्षा करता हूँ कि सेवा की यह शपथ एक दिन के लिए नहीं है बल्कि जीवन भर के लिए है। कोई भी मरीज इलाज के लिए आए तो उसके प्रति सेवा का भाव रखें। समाज में सबसे कमजोर व्यक्ति का संवेदनशीलता के साथ इलाज करें।
राज्यपाल ने यह भी कहा
- प्रदेश में सिकल सेल एनीमिया की रोकथाम की दिशा में काम करने की आवश्यकता है। प्रदेश में 1 करोड़ 83 लाख लोग इससे पीडि़त हैं। सभी यूनिवर्सिटी इसके लिए पाँच-पाँच गाँव गोद लें और सिकल सेल बीमारी के बारे में जागरुकता लाकर इसके रोकथाम का प्रयास करें। मेडिकल कालेजों का नियमित रूप से मूल्यांकन किया जाना चाहिए।
- जीवन शैली और आहार-विहार पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। आज बच्चों को पिज्जा के साथ कोल्ड ड्रिंक पसंद है। हमें विदेशी भोजन शैली को बदलने की आवश्यकता है, क्योंकि ऐसे भोजन से स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। 40 उम्र तक मन के मुताबिक खाना चाहिए और 40 के बाद तन के मुताबिक।
- विद्यार्थी अपने कर्तव्यों को पूरा करें, अपने माँ-बाप और मातृ भूमि को न भूलें, कभी ऐसा कार्य न करें जिससे मातृ भूमि में लांछन लगे। बच्चों को स्वतंत्रता सैनानियों व महापुरुषों के जीवन गाथाओं को जरूर पढऩा चाहिए।
- समारोह में छात्राओं की संख्या अधिक रहने पर राज्यपाल ने चुटकी लेते हुए कहा कि अब बेटी बचाओ नहीं, बेटा बचाओ अभियान शुरू करना चाहिए।
हिंदी में होगी मेडिकल की पढ़ाई, मप्र देश का पहला राज्य
चिकित्सा शिक्षा मंत्री श्री सारंग ने कहा कि सच्चे मन से पीडि़त मानवता की सेवा करें। मेडिकल शिक्षा के उन्नयन की दिशा में लगातार कार्य किए जा रहे हैं। राज्य में अब मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में होगी और ऐसा करने वाला मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा। इसके लिए बायोकेमिस्ट्री, एनाटॉमी और फीजियोलॉजी का सिलेबस हिंदी में तैयार कराया जा रहा है। हम केंद्र सरकार की मंशा अनुरूप हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए भी प्रयासरत हैं। इस दौरान कुलपति श्री शेखर ने मेडल व डिग्री प्राप्त विद्यार्थियों को समर्पित भाव से मानवता की सेवा के लिए शपथ दिलाई।
मेडल बाँटने में बिगड़ा क्रम, दीप प्रज्वलन न होने की चर्चा
मेडिकल यूनिवर्सिटी के पहले दीक्षांत समारोह में गोल्ड मेडल वितरण के दौरान क्रम बिगडऩे की बात भी सामने आई। कुछ स्टूडेंट्स की अनुपस्थिति होने से ऐसा हुआ। कुछ को अन्य नाम वाली डिग्री मिली, जिसे कार्यक्रम के बाद बदला गया। कार्यक्रम की शुरुआत में सरस्वती वंदना अथवा दीप प्रज्वलन जैसी परंपरा का निर्वहन न होना भी चर्चा का विषय रहा। कई वरिष्ठ चिकित्सकों ने कहा कि अन्य विश्वविद्यालयों में इस तरह की परंपरा है, लेकिन यहाँ इसका निर्वहन नहीं किया गया।
चेहरे पर दिखी स्वर्णिम मुस्कान
सिर पर पगड़ी, गोल्डन ब्राउन जैकेट और पीला स्कार्फ पहनकर विद्यार्थी काफी उत्साहित दिखे। लड़कों ने सफेद कुर्ता-पायजामा और लड़कियों ने क्रीम अथवा ऑफ व्हाइट कलर की साड़ी पहनी हुई थी। सभी ने मंच पर खूब सेल्फी लीं। पेरेंट्स और अपने टीचर्स के बीच पिक्चर्स भी क्लिक करवाए। प्रतिभागियों के चेहरे पर उत्साह और स्वर्णिम मुस्कान देखने को मिली।
इनकी रही उपस्थिति-
दीक्षांत समारोह में विधायक अजय विश्नोई, अशोक रोहाणी एवं विनय सक्सेना, नव निर्वाचित महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष विनोद गोंटिया, प्रांत प्रचारक आरएसएस प्रवीण गुप्ता, पूर्व कुलपति डॉ. डीपी लोकवानी, कार्यपरिषद् सदस्य डॉ. राजेश धीरावाणी एवं डॉ. गीता गुईन, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. जितेन्द्र जामदार, समाजसेवी डॉ. कैलाश गुप्ता, क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएँ डॉ. संजय मिश्रा, आईजी उमेश जोगा, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, डीआईजी आरआर परिहार, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा, नगर निगम कमिश्नर आशीष वशिष्ठ, जिला पंचायत की सीईओ डॉ. सलोनी सिडाना, अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा सहित अन्य अधिकारी, विद्यार्थी व उनके पेरेंटस उपस्थित थे।
Created On :   30 July 2022 10:34 PM IST