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दबाव बढ़ा तो एक दिन बढ़ सकता है अधिवेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आगामी 11 दिसंबर से शुरू होने जा रहे नागपुर अधिवेशन के लिए राज्य सरकार ने 10 दिन यानी दो सप्ताह का कामकाज निर्धारित किया है। 22 दिसंबर तक शीतसत्र चलेगा। इस बीच विपक्ष द्वारा अधिवेशन चार सप्ताह करने की मांग की जा रही है। सरकार पर इसलिए भी दबाव है क्योंकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस नागपुर के हैं और वे खुद इसे चार सप्ताह तक चलाने की मांग करते रहे। एेसे में 20 दिसंबर को विधानमंडल कामकाज सलाहकार समिति (पीएसी) की बैठक होगी। अगर सरकार पर बहुत अधिक दबाव बनता है, तो सरकार एक दिन अधिवेशन बढ़ाने पर विचार कर सकती है।
दो दिन शासकीय अवकाश
24 दिसंबर को रविवार और 25 को क्रिसमस है। दोनों दिन शासकीय अवकाश है और इसके बाद अधिकारी और मंत्रियों के पूर्व नियोजित नववर्ष के कार्यक्रम तय है। जिस कारण अधिवेशन एक दिन से अधिक बढ़ने की संभावना नहीं के बराबर है।
फिलहाल बुधवार, 6 दिसंबर तक विधानसभा के लिए 1945 और विधानपरिषद के लिए 761 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव प्राप्त हुए थे। बुधवार को अशासकीय प्रस्ताव लेने का अंतिम दिन रहा। दोनों सदनों के लिए कुल 564 अशासकीय प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। विधानसभा के लिए 401 और विधानपरिषद के लिए 163 अशासकीय प्रस्ताव आए हैं। तारांकित प्रश्न बड़ी संख्या में मिले हैं। सभा में 9675 और परिषद में 2916 प्रश्न के लिए आवेदन किया गया है। आधा घंटा चर्चा के लिए दोनों सदनों में 239 आवेदन आए हैं।
शीत सत्र के लिए सरकार पूरी तरह तैयार
11 दिसंबर से नागपुर में होने वाला विधान मंडल का सत्र सिर्फ 10 दिन ही चलेगा। विपक्ष सदन के कामकाज की अवधि बढ़ाने मांग कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक विधानसभा में प्रलंबित 1 व विधान परिषद में प्रलंबित 5 विधेयकों को भी मंजूर कराया जाएगा। अधिवेशन में पूरक मांगों को मंजूरी देने की प्रक्रिया भी पूरी होनी है। शीत सत्र के लिए सरकार पूरी तरह तैयार है। विपक्ष के प्रश्नों के जवाब दिए जाएंगे।
Created On :   7 Dec 2017 5:24 PM IST