सांसदों का सहयोग मिला तो 3 साल में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम होगा पूरा - गडकरी

If the support received, work of Delhi-Mumbai Expressway will be completed in 3 years - Gadkari
सांसदों का सहयोग मिला तो 3 साल में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम होगा पूरा - गडकरी
सांसदों का सहयोग मिला तो 3 साल में दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का काम होगा पूरा - गडकरी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में सदस्यों को आह्वान किया कि यदि वे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य गति से करने में सहयोग करते हैं तो देश के सबसे बड़े एक्सप्रेस हाइवे का काम आने वाले 3 साल में पूरा हो जाएगा। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 1 लाख 3 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस एक्सप्रेस हाइवे के कुल 49 पैकेजेज हैं, जिनमें से 13 पैकेजेज पर भूमि अधिग्रहण का काम चल रहा है। इसके कुल पैकेजेज में से राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा के साथ राजस्थान के एक जिले में भूमि अधिग्रहण में जमीन की कीमत को लेकर समस्या पैदा हुई है। भूमि अधिग्रहण की राज्य सरकार जो भी कीमत लगाएगी नियम के अनुसार केन्द्र सरकार उस जमीन की कीमत देगी, लेकिन संबंधित जिलों के बड़े नेता आंदोलन कर रहे है। दरअसल, मुंबई उत्तर से सांसद गोपाल शेट्‌टी ने सरकार से जानना चाहा था कि परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहन का पैसा बडे किसानों को जल्दी मिल जाता है, लेकिन छोटे-छोटे किसानों को बहुत परेशानी होती है। नियम होते हुए भी छोटे किसानों को पैसा देने में काफी समय लग जाता है। क्या कैग की तर्ज पर इसकी जांच-पड़ताल करके छानबीन करने की कोई व्यवस्था है?


वैनगंगा नदी का पानी पेनगंगा तक लाने की व्यवहार्यता पर किया जा रहा है अध्ययन- लोकसभा में उठाया था सवाल

बुलढाणा से सांसद प्रतापराव जाधव ने गुरुवार को लोकसभा में नदियों को जोड़ने की परियोजना का मसला उठाया। गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान उन्होने सरकार से पूछा कि महाराष्ट्र में वैनगंगा का पानी पेनगंगा तक लाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है। सांसद जाधव ने सदन को बताया कि महाराष्ट्र में वैनगंगा नदी का पानी नलगंगा में लाने का प्रस्ताव तैयार है और इसका डीपीआर भी तैयार हो रहा है। उन्होने कहा कि यदि वैनगंगा का पानी पेनगंगा में पहुंचता है तो प्रदेश में विशेषत: विदर्भ के बुलढाणा, वाशिम, यवतमाल, वर्धा और चंद्रपुर आदि जिलों में पानी की समस्या दूर हो सकती है। उन्होने सरकार से जानना चाहा कि वैनगंगा-नलगंगा नदी जोड़ प्रकल्प की तर्ज पर वैनगंगा के पानी को पेनगंगा तक लाने की कोई योजना विचाराधीन हैं और है तो इसका डीपीआर तैयार करने का काम कब तक शुरु होगा? सांसद जाधव के इस सवाल के जवाब में केन्द्रीय जल संसाधान मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि वैनगंगा-पेनगंगा रिवर  लिंक की पूर्व व्यवहार्यता के बारे में अभी अध्ययन किया जा रहा है। हमने आने वाले समय में राज्य के अनुरुप इस लिंक पर काम करना आरंभ कर दिया है। राज्य जिस तरह से भी सहयोग चाहेगा, केन्द्र सरकार सहयोग करने के लिए तैयार हैं। 

 

प्याज के उत्पादन अनुमान में आयी कमी के कारण बढ़ी प्याज की कीमतें-कृषि मंत्री तोमर

उधर केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि इस साल प्याज की 69.9 लाख टन पैदावार का अनुमान था, लेकिन बेमौसम बरसात से फसल को हुए नुकसान से इसका उत्पादन 53.73 लाख टन होने की संभावना है। इस वजह से प्याज की कीमतों में तेजी आयी है। सरकार इस 15.88 लाख टन प्याज की कमी को दूर करने के लिए विभिन्न उपाय कर रही है। केन्द्रीय मंत्री तोमर ने गुरुवार को सदन में विभिन्न कारणों से फसल के नुकसान और किसानों पर इसके प्रभाव के बारे में नियम 193 के तहत चर्चा का उत्तर देते हुए आगे कहा कि देश में प्याज का उत्पादन तीन मौसमों में होता है। सर्वाधिक 70 फीसदी रबी में, 20 फीसदी खरीफ तथा 10 फीसदी लेट खरीफ में उत्पादन होता है। 2019 के अग्रिम आकलन में प्याज का 69.9 लाख टन उत्पादन हने का अनुमान लगाया गया था, लेकिन बदली परिस्थिति में अब 53.73 लाख टन पैदावार की संभावना है। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में मौसम में बदलाव हो रहा है। उसके कारण मौसमी घटनाएं हो रही है। इसका नुकसान किसान को भुगतना पड़ रहा है। अच्छी खाद, अच्छे बीज और पर्याप्त पानी की व्यवस्था करने के बावजूद भी बरसात, आंधी, तूफान आदि कारणों से खेती बरबाद हो जाती है। संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन के अनुमान के हवाले से उन्होने कहा कि विभिन्न कारणों से विश्व में हर साल करीब 75 करोड़ टन फसलें नष्ट हो रहीं हैं। उन्होंने कहा कि कृषि मंत्रालय ने किसानों के लिए खेती के अलग अलग जलवायु के लिए अलग—अलग 45 मॉडल विकसित किये हैं। नवान्वेषी तकनीक से साढ़े चार करोड़ से अधिक किसानों को मोबाइल पर मैसेज द्वारा मौसम की जानकारी दी जाती है। एक टोल फ्री नंबर भी शुरू किया गया है।
 
 

Created On :   12 Dec 2019 4:27 PM GMT

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