मानधन चाहिए तो अब जिंदा होने का सबूत देना होगा, जानिए बीएसएनएल कर्मियों को पड़े वेतन के लाले 

If want honorarium, now have to provide proof of being alive
मानधन चाहिए तो अब जिंदा होने का सबूत देना होगा, जानिए बीएसएनएल कर्मियों को पड़े वेतन के लाले 
मानधन चाहिए तो अब जिंदा होने का सबूत देना होगा, जानिए बीएसएनएल कर्मियों को पड़े वेतन के लाले 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संजय गांधी निराधार योजना के तहत मानधन प्राप्त कर रहे जिले के दो लाख लाभार्थियों काे 31 मार्च तक जिंदा होने के दस्तावेज जिला कार्यालय में जमा करने होंगे। लाभार्थी को खुद यह दस्तावेज जमा करना है और हयात (जिंदा) प्रमाणपत्र भी भरकर देना है। दरअसल राज्य सरकार ने निराधारों को मिलनेवाला मानधन 600 रुपए से बढ़ाकर एक हजार रुपए व विधवाओं को मिलने वाला 900 रुपए अनुदान 1200 रुपए किया है। इसे सितंबर 2019 से यह लागू किया गया है। राज्य सरकार ने इन लाभार्थियों से हयात प्रमाणपत्र भरकर लेने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। इसके अलावा लाभार्थी को आधार कार्ड, बैंक पासबुक, राशन कार्ड व टोकन की फोटो कापी भी जमा करनी है। हयात प्रमाणपत्र 31 मार्च तक भरकर देना है। ये मुद्रित हयात प्रमाणपत्र संजय गांधी निराधार योजना कार्यालय में निशुल्क उपलब्ध है।

मृतकों के नाम पर भी जारी है मानधन

सरकार काे यह जानकारी मिली है कि कई ऐसे लाभार्थी है, जो अब नहीं रहे लेकिन इनके नाम पर मानधन जारी हो रहा है। मानधन सीधे बैंक में पहुंचता है और एटीएम से पैसे निकाल लिए जाते हैं। जो जीवित है, वहीं हयात प्रमाणपत्र भर सकेंगे और उन्हें ही मानधन जारी रहेगा।

एटीएम नहीं देने को कहा

बैंकों को लाभार्थियों को एटीएम नहीं देने के बारे में कहा जा चुका है, लेकिन लाभार्थी एटीएम प्राप्त कर लेते हैं। जैसे लाभार्थी जब बैंक खाता खोलते हैं, तभी एटीएम की गुजारिश करते है और उन्हें बैंक से एटीएम मिल जाता है। गैरजरूरी लाभार्थी अब पहचाने का सकेंगे।

Created On :   6 Feb 2020 9:43 PM IST

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