आईएमटी गाजियाबाद को मिली हाईकोर्ट से राहत,कमलनाथ के परिवार का है मामला

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के परिवार द्वारा संचालित 40 साल पुराने मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट आईएमटी गाजियाबाद की मुश्किलें उस वक्त थम गई।जब इलाहाबाद हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने गाजियाबाद डेवलेपमेन्ट अथॉरिटी के पिछले एक माह के नोटिस और आदेशों को अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया। डिवीजन बैंच ने उत्तरप्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि आईएमटी प्रशासन के अभ्यावेदन पर सुनवाई कर नियमितिकरण पर विचार करें।
सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया
आईएमटी गाजियाबाद की ओर से याचिका दायर कर कहा गया कि गाजियाबाद डेवलेपमेन्ट अथॉरिटी ने एनओसी और नक्शा निरस्त करने का नोटिस और आदेश दिया है। प्राकृतिक न्याय के सिद्द्धांत के अनुसार उन्हें सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया जा रहा है। यदि ऐसा किया जाता है कि संस्स्थान में अध्ययन छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ जाएगा। 6 जून 2019 से संस्थान के 1500 छात्रों के नए बैंच का शुभारंभ हो रहा है। वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा ने तर्क दिया कि 30-40 साल पुरानी गलतियों को आधार बनाकर देश के एक नामी मैनेजमेन्ट इंस्टीट्यूट की एनओसी और नक्क्शों को रद्द नहीं किया जा सकता है। इंस्टीट्यूट को सुनवाई का अवसर देकर उसके अभ्यावेदन पर विचार करना चाहिए। उत्तरप्रदेश सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि आईएमटी गाजियाबाद को 75 करोड़ रुपए डिपाजिट करना चाहिए। सुनवाई के बाद डिवीजन बैंच ने उत्तरप्रदेश सरकार के 75 करोड़ रुपए डिपाजिट करने के तर्क को स्वीकार नहीं किया। डिवीजन बैंच ने आदेश दिया कि इस स्टेज पर आईएमटी गाजियाबाद द्वारा 15 जुलाई तक 5 करोड़ रुपए डिपाजिट किए जाए। डिवीजन बैंच ने गाजियाबाद डेवलेपमेन्ट अथॉरिटी के नोटिस और आदेशों को स्स्थगित करते हुए आईएमटी प्रशासन के अभ्यावेदन पर सुनवाई कर नियमितिकरण पर विचार करने का आदेश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के इस आदेश से आईएमटी गाजियाबाद को बड़ी राहत मिली है। आदेश दिया है कि आईएमटी प्रशासन के अभ्यावेदन पर सुनवाई कर नियमितिकरण पर विचार करें।
Created On :   7 Jun 2019 4:52 PM IST