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आठ महिनों में मुंबई पुलिस ने पकड़ा 1032 किलो गांजा, नक्सलियों से जुड़े तार
डिजिटल डेस्क, मुंबई। अभिनेता उदय चोपड़ा ने सोशल मीडिया पर गांजा (मरिजुआना) को प्रतिबंधित नशीले पदार्थों की सूची से बाहर करने की मांग और उस पर मुंबई पुलिस के जवाबी ट्वीट के बाद इस मुद्दे पर बहस छिड़ी हुई है। आमतौर पर ग्रामीण इलाकों में प्रचलित गांजे की महानगर मुंबई में भी खूब मांग है। इस साल के पहले आठ महीनों में पिछले वर्षों के मुकाबले दो गुने गांजे की खेप पकड़ी जा चुकी है। इसके अलावा पुलिस की जांच में गांजा तस्करों के तार सीधे नक्सलियों से जुड़े मिले हैं।
इस साल अगस्त महीने तक मुंबई पुलिस ने 1032 किलो गांजे की खेप जब्त की है। जबकि साल 2017 में महानगर में कुल 560 किलो गांजा ही पकड़ा गया था। मुंबई नार्कोटिक्स सेल के डीसीपी शिवदीप लांडे बताते हैं कि नशे की बड़ी खेप की बरामदगी में उनका बिहार का अनुभव काफी काम आया। इससे पहले नशे के खिलाफ कार्रवाई करने वाले पुलिसकर्मी ज्यादातर गली मुहल्लों में नशे की सप्लाई करने वालों को पकड़ते थे और उनसे छोटी मोटी बरामदगी होती थी। लेकिन लांडे ने शहर में नशे की खेप पहुंचाने वाली बड़ी मछलियों पर शिकंजा कसना शुरू किया जिसके चलते नशे की बड़ी खेप पकड़ी जाने लगी। गौरतलब है कि लांडे बिहार की राजधानी पटना में बतौर पुलिस अधिक्षक काफी चर्चित रहे थे।
लांडे बताते हैं कि गांजा ऐसा नशीला पदार्थ है जिसकी मांग निचले तबके के साथ अमीरों में भी खूब है। अफीम, चरस, एमडी जैसे नशीले पदार्थों के मुकाबले यह सस्ता भी मिलता है। इसीलिए इसकी खपत ज्यादा है। बता दें कि मुंबई पुलिस ने अभिनेता उदय चोपड़ा के जवाबी ट्वीट में इसके इस्तेमाल पर कानूनी कार्रवाई और दवा के रूप में इस्तेमाल के दावे को बचकाना बताया था।
नक्सलियों से जुड़े हैं तार
लांडे बताते हैं कि महानगर में जब हमने गांजा तस्करों पर शिकंजा कसना शुरू किया तो हमें जानकारी मिली कि गांजा तस्करों के तार नक्सलियों से जुड़े हैं। इस मुद्दे पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में इसकी जानकारी दी गई। इसके आधार पर नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने हाल ही में छत्तीसगढ़ ओडीसा सीमा पर करीब तीन करोड़ रुपए गांजे की खेप जब्त की थी।
दवा के रूप में इस्तेमाल का दावा गलत-डॉ मूंदडा
उदय चोपड़ा ने अपने ट्वीट में गांजे को दवा के रुप में इस्तेमाल करने के फायदे बताए थे लेकिन मनोचिकित्सक डॉक्टर सागर मूंदड़ा इसे सरासर गलत बताते हैं। डॉ मूंदडा के मुताबिक गांजे से दवा बनाने और इसके सीधे सेवन में फर्क है। गांजे के सीधे सेवन से 99 फीसदी मामलों में नुकसान होता है। इससे मानसिक संतुलन खोने और दूसरे नशीले पदार्थों की आदत लगने का खतरा होता है। यह सेहत के लिए भी काफी नुकसानदेह है।
मुंबई में बरामद गांजे की खेप
साल मामले गिरफ्तारी मात्रा (किलो) कीमत
2018(अगस्त) 102 137 1032 19768730
2017 181 217 560 6728201
2016 114 139 569 6149668
2015 119 143 437 4745510
Created On :   19 Sept 2018 4:46 PM GMT