सिरस्वाहा बांध की मेढ़ों में आयी दरारें, दहशत में ग्रामीण, 2016 में टूट गया बांध

In Etwa village of Panna dis, cracks in the Rams of Sirswaha Dam
सिरस्वाहा बांध की मेढ़ों में आयी दरारें, दहशत में ग्रामीण, 2016 में टूट गया बांध
सिरस्वाहा बांध की मेढ़ों में आयी दरारें, दहशत में ग्रामीण, 2016 में टूट गया बांध

डिजिटल डेस्क, पन्ना। जिले के इटवां ग्राम स्थित सिरस्वाहा बांध में गहरी दरारे फिर से आने से बांध के क्षतिग्रस्त होने की आशंका बढ़ गयी है। बांध में बनी लंबी मेढ़ में जगह-जगह दरारे आने के बाद ग्रामीणों में दहशत का माहौल व्याप्त है।

उल्लेखनीय है कि सिंचाई विभाग द्वारा सिरस्वाहा बांध का निर्माण कार्य कराया गया था, जो वर्ष 2016 में हुई बारिश के दौरान फूट गया था। पहली बारिश में बांध फूट जाने से बांध में किये गये घटिया निर्माण कार्य के चलते विभाग के आला अफसरों पर निलंबन की कार्यवाही की गयी जिसके बाद वर्ष 2017 के फरवरी माह से जून माह तक फूटे बांध का फिर से निर्माण कार्य करवाया गया था। सिरस्वाहा सिचाई बांध परियोजना जिसकी लागत लगभग 30 करोड़ है इस बांध की नहर का कार्य अभी तक नही होने से किसानों को अभी तक इस बांध से लाभ नहीं मिल सका है।

पहले भी फूट चुका है बांध-
बताया जाता है कि वर्ष 2017 के जून माह में फूटने के बाद बांध का निर्माण कार्य फिर पूरा कराया गया, किंतु क्षतिग्रस्त बांध को बनाये जाने के एक साल के अंतराल में ही वर्ष 2018 में गहरी दरारें आ गयी हैं। बीच-बीच में बांध की मेढ़ कई जगह से टूटने के चलते गहरे गढ्ढों में तब्दील हो गयी हैं, जिसके बाद वर्ष 2018 में बांध के निर्माण कार्य को लेकर फिर से सवाल उठने शुरू हो गये।

मीडिया रिपोर्टों के बाद विभागीय अधिकारियों द्वारा मिट्टी डाल कर आयी दरारों को भरने का काम किया गया परंतु जिस तरह से मरम्मत का कार्य किया गया उसकी कलई फिर से इस वर्ष पुन: खुलने लगी है।

लोगों ने की जांच कराने की मांग-
क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि बांध निर्माण कार्य की पूरी तरह से उच्च स्तरीय जांच करायी जाए। बांध की सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक प्रबंध किये जाएं। गौरतलब हो कि सिरस्वाहा बांध का निर्माण कार्य प्रारंभ होने के साथ ही सुर्खियों में रहा है। जिस स्थल पर बांध का निर्माण कार्य किया गया है, वह हीरे की चाल धारित क्षेत्र रहा है, जिसके चलते बांध की खुदाई के दौरान बड़े पैमाने पर यहां से निकलने वाली हीरा धारित चाल से हीरे निकालने का कार्य किया गया।

प्रशासान नहीं कर रहा कार्रवाई-
बताया जाता है कि बांध की खुदाई के दौरान जो हीरे की चाल निकलती थी, उसे ट्रैक्टर ट्रालियों तथा बड़े वाहनों में भरवा कर लोगों को बेचे जाने का कार्य लंबे समय तक किया गया और तमाम जानकारियां सामने आने के बाद प्रशासन द्वारा कोई बड़ी कार्यवाही नहीं की। हीरा धारित चाल क्षेत्र होने की वजह से बांध का निर्माण क्षेत्र की तकनीकी स्थिति काफी कमजोर है, इसके चलते इस बांध के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना रहता है। बारिश शुरू होने वाली है इसके पूर्व बांध की मेढ़ में आयी दरारों से बांध के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है। जिला प्रशासन से अपेक्षा की जाती है कि बांध निर्माण की सुरक्षा को लेकर सभी कदम उठाये, नहीं तो ग्रामीणों द्वारा आंदोलन कर प्रदर्शन किया जाएगा।

Created On :   2 Jun 2019 7:52 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story