भीमा नदी में मिले सात लोगों के शव की घटना आत्महत्या नहीं हत्या का मामला- पांच गिरफ्तार

Incident of dead bodies of seven people found in Bhima river, not suicide, murder case – five arrested
भीमा नदी में मिले सात लोगों के शव की घटना आत्महत्या नहीं हत्या का मामला- पांच गिरफ्तार
खुलासा भीमा नदी में मिले सात लोगों के शव की घटना आत्महत्या नहीं हत्या का मामला- पांच गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। पुणे में भीमा नदी से तीन बच्चों समेत एक ही परिवार के सात लोगों के शव मिलने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। छानबीन में पता चला है कि यह आत्महत्या नहीं बल्कि हत्या का मामला है। पुलिस ने हत्या के आरोप में एफआईआर दर्ज कर एक महिला समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी सगे भाई-बहन हैं और एक आरोपी के बेटे की कुछ महीने पहले सड़क हादसे में मौत हो गई थी।आरोपियों को शक था कि इसमें मोहन पवार के बेटे का हाथ था। इसी के चलते इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। 

पुणे ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक अंकित गोयल ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत में यह खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पकड़े गए आरोपी और मृतक एक ही गांव के रहने वाले हैं और रिश्तेदार भी हैं। मामले में गिरफ्तार आरोपियों के नाम अशोक पवार, शाम पवार, शंकर पवार, प्रकाश पवार और कांताबाई जाधव है। सभी अहमदनगर के पारनेर तालुका के रहने वाले हैं। गोयल ने बताया कि अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि अशोक पवार के बेटे धनंजय पवार की कुछ महीने पहले पुणे में एक सड़क हादसे में मौत हो गई थी। आरोपियों को शक था कि धनंजय की मौत के लिए मोहन पवार का बेटा अनिल पवार इसके लिए जिम्मेदार है। दरअसल हादसे के वक्त अमोल भी गाड़ी में मौजूद था इसलिए आरोपियों को शक था कि अनिल ने अपने पिता और दूसरे लोगों के साथ मिलकर धनंजय की हत्या की है।आरोपी लगातार अपने चचेरे भाई को परिवार समेत खत्म करने की धमकी दे रहे थे। आरोपियों ने वारदात किस तरह अंजाम दी है इसकी जानकारी जुटाई जा रही है। मोहन पवार की जान पहचान के लोगों ने मीडिया से दावा किया था कि आरोपियों को शक था कि तंत्रमंत्र के चलते धनंजय की मौत हुई थी लेकिन पुलिस अधीक्षक गोयल ने कहा कि अब तक की जांच में तंत्रमंत्र को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है। 

क्या है मामला

पुणे ग्रामीण पुलिस को 18 से 22 जनवरी के बीच भीमा नदी से एक ही परिवार के सात लोगों के शव मिले थे। मृतकों की पहचान मोहन पवार, उनकी पत्नी संगीता पवार, बेटी रानी फुलवरे, दामाद शामराव फुलवरे और नाती-नातिन रितेश छोटू और कृष्णा के रुप में हुई थी। पहले पुलिस को आशंका थी कि बेटे के एक महिला के साथ भाग जाने से परेशान परिवार ने सामूहिक आत्महत्या की है। लेकिन छानबीन के दौरान हत्याकांड का खुलासा हुआ।

मोबाइल लोकेशन से खुली पोल

शव मिलने के बाद यवत पुलिस ने छानबीन शुरू की और लोगों से पूछताछ की तो उन्हें इस बात की जानकारी मिली कि मोहन पवार और उनके परिवार को अपने ही चचेरे भाइयों से धमकी मिल रही थी। इसके बाद पुलिस ने संदिग्धों के मोबाइल लोकेशन की जांच की तो वे मृतकों के मोबाइल के साथ दिखे और जिस जगह से मृतक नदी में गिरे थे वहां भी आरोपी साथ थे। जबकि शुरूआती पूछताछ में आरोपियों ने कहीं और होने का दावा किया था। इसके बाद पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हुआ।   

 

Created On :   25 Jan 2023 7:27 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story