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रामटेक में पावर प्लांट की संभावना तलाश रही सरकार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के रामटेक तहसील में राज्य सरकार द्वारा औष्णिक विद्युत प्रकल्प की संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। इसके लिए उद्योग, ऊर्जा व कामगार विभाग की अवर सचिव श्रद्धा कोचरेकर ने महाराष्ट्र राज्य विद्युत विद्युत निर्मिती कंपनी के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक को पत्र लिखकर वहां संभावनाओं की तलाश कर वस्तुस्थिति की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। विशेष कार्यकारी अधिकारी एस. खरात ने भी एक पत्र लिखकर विद्युत कंपनी से वाणिज्यिक, तकनीकी व पर्यावरण विषय पर अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। सरकार के इस पत्र से विदर्भ में एक और पावर प्लांट और क्षेत्र में रोजगार मिलने की उम्मीद बढ़ गई है।
अनुकूल परिस्थितियां : रामटेक विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मौजा पटगोवरी, ग्रामपंचायत पटगोवरी (हेटिटोला) में इसकी संभावना को देखा जा रहा है। इस संबंध में रामटेक पंचायत समिति के पूर्व उपसभापति उदयसिंह यादव ने नागपुर जिले के पालकमंत्री एवं ऊर्जामंत्री डॉ. नितीन राऊत, प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले को एक निवेदन सौंपा था, जिसके बाद ऊर्जामंत्री ने पत्र को आगे बढ़ाया। रामटेक में औष्णिक विद्युत प्रकल्प के लिए अनेक बातों को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। पत्र में कहा गया कि रामटेक विकास की दृष्टि से अत्यंत पिछड़ा है। आसपास में बड़े पैमाने पर कोयले खदानें हैं। रामटेक तक रेल मार्ग है। पटगोवरी की जमीन मुरमाडी और लाल मिट्टी की है। खेती के लिए यह अत्यंत निकृष्ट है। क्षेत्र में कृषि नुकसानदायक व्यवसाय है। औष्णिक विद्युत प्रकल्प की दृष्टि से अत्यंत उपयुक्त है। रामटेक, पारशिवनी व देवलापार परिसर में क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं के लिए यह बड़ा रोजगार साबित हो सकता है। क्षेत्र विकास में मील का पत्थर भी साबित हो सकता है। जमीन, कोयला और पानी आवश्यक संसाधन पर्याप्त मात्रा में है। मौजा पटगोवरी में जमीन पूरी तरह निजी स्वरूप की है। विद्युत प्रकल्प के लिए प्रस्तावित क्षेत्र में किसी प्रकार की वनजमीन और आदिवासी जमीन की कोई दिक्कत नहीं है।
नए रेल मार्ग की जरूरत नहीं : कोयले की मुख्य खदान खोंडेगांव, इंदर, कामठी खुली खदान, सिंगोरी, भानेगांव अत्यंत पास में है। लगकर रेलवे मार्ग है। नए रेल मार्ग की जरूरत नहीं है। राष्ट्रीय महामार्ग होने से क्षेत्र में सड़क मार्ग से भी कोयले की आपूर्ति हो सकती है। विशेष यह कि पानी के लिए पेंच नदी, नवेगांव खैरी बांध, तोतलाडोह बांध भी पास में है।
रामटेक को विकसित कर बन सकता है केंद्र
उदय सिंह यादव, पूर्व उपसभापति, रामटेक पंचायत समिति के मुताबिक रामटेक तहसील आजादी के समय से विकास में पिछड़ा है। कोराड़ी केंद्र के कारण शहरी क्षेत्र में प्रदूषण में बढ़ोतरी हुई है। इसलिए वहां केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय द्वारा नए यूनिट लगाने से इनकार करने की जानकारी है। रामटेक में केंद्र बनता है तो उद्योग सहित रोजगार के अवसर मिलेंगे। सभी बातों को विस्तृत अध्ययन करने पर अगर इसे रामटेक के पटगोवरी में बनाया जाता है तो अत्यंत कम खर्च और कम दर में विद्युत उत्पादन होगा। विकास की दृष्टि से यह महत्वपूर्ण साबित होगा। इसलिए औष्णिक विद्युत प्रकल्प प्रस्थापति करने प्रशासन को उचित निर्देश दिए जाने चाहिए।
Created On :   19 Dec 2021 2:39 PM IST