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Nagpur News: पक्षी हो रहे डिहाइड्रेशन के शिकार ,ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर बना संजीवनी

- हर रोज 2-3 पक्षी आ रहे
- इलाज के बाद लौट रहे अपनी दुनिया
Nagpur News गर्मी और उमस ने न केवल इंसानों को बल्कि पशु-पक्षियों को भी बेहाल कर दिया है। खासकर पक्षी डिहाइड्रेशन का शिकार हो रहे हैं। नागपुर के वन विभाग द्वारा संचालित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर (टीटीसी) में रोजाना 2 से 3 पक्षी इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। पिछले तीन दिनों में एक दर्जन से अधिक पक्षियों को डिहाइड्रेशन के कारण यहां लाया गया है। इनमें रॉक पिजन, शिकारा, डव, कोयल, तोता जैसे पक्षी शामिल हैं। टीटीसी में विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों द्वारा इनका इलाज किया जा रहा है, और स्वस्थ होने के बाद इन्हें प्रकृति में वापस छोड़ा जा रहा है।
मौसम का बदलता मिजाज पक्षियों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। पहले तेज धूप और अब बादल और उमस ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। कभी आसमान बादलों से ढक जाता है तो कभी तेज धूप निकल आती है। इस बदलते मौसम के कारण उमस बढ़ रही है, जिसका असर पक्षियों पर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। दिनभर भोजन और पानी की तलाश में उड़ने वाले ये पक्षी पानी की कमी के कारण कमजोर होकर जमीन पर गिर रहे हैं। जागरूक नागरिक इन पक्षियों को पानी पिलाकर या टीटीसी में लाकर उनकी जान बचा रहे हैं।
सेमिनरी हिल्स में स्थित ट्रांजिट ट्रीटमेंट सेंटर इन पक्षियों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह सेंटर न केवल पक्षियों बल्कि सभी प्रकार के जख्मी वन्यजीवों के लिए एक महत्वपूर्ण उपचार केंद्र है। यहां घायल या बीमार वन्यजीवों को रेस्क्यू कर लाया जाता है, जहां विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों की टीम उनका इलाज करती है। डिहाइड्रेशन से पीड़ित पक्षियों को ग्लूकोज और आवश्यक उपचार देकर उनकी स्थिति स्थिर की जाती है। पिछले तीन दिनों में 12 से अधिक पक्षियों का इलाज इस केंद्र में किया गया, जिसमें शिकारी पक्षी जैसे शिकारा भी शामिल हैं। नागरिकों की जागरूकता भी इस कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। कई लोग सड़कों या पेड़ों के नीचे बेहोश पड़े पक्षियों को देखकर तुरंत टीटीसी से संपर्क करते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मी और उमस के इस मौसम में पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना बेहद जरूरी है। लोग अपने घरों के आसपास पानी के छोटे-छोटे बर्तन रखकर पक्षियों की मदद कर सकते हैं।
टीटीसी के प्रभारी डॉक्टरों का कहना है कि डिहाइड्रेशन के मामले बढ़ रहे हैं, और समय पर इलाज न मिलने पर पक्षियों की जान को खतरा हो सकता है। इसलिए, लोगों से अपील की जा रही है कि वे असहाय पक्षियों की मदद के लिए आगे आएं। यह सेंटर न केवल पक्षियों के लिए बल्कि पूरे नागपुर जिले के वन्यजीव संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
Created On :   23 May 2025 4:49 PM IST