Nagpur News: 300 रुपए में गणवेश तैयार करना मुख्याध्यापकों के लिए चुनौती

300 रुपए में गणवेश तैयार करना मुख्याध्यापकों के लिए चुनौती
  • पांच साल में महंगाई बढ़ी, पर अनुदान में कोई बदलाव नहीं
  • स्काउट-गाइड का कपड़ा और सिलाई महंगी

Nagpur News विद्यार्थियों को दो गणवेश देने हैं। एक सामान्य और एक स्काउट-गाइड का गणवेश। एक गणवेश के लिए 300 रुपए अनुदान। दोनों गणवेश का अनुदान एक समान। सामान्य गणवेश थोक में खरीदने पर 300 रुपए में बन सकता है। दिक्कत स्काउट-गाइड के गणवेश की है। उसका कपड़ा और सिलाई दोनों महंगी है।

जो अनुदान मिलनेवाला है, उसमें विद्यार्थियों को गणवेश उपलब्ध कराना मुख्याध्यापकों के सामने बड़ी चुनौती है। गत वर्ष राज्य स्तर पर गणवेश वितरण की योजना विफल हो गई थी। इस वर्ष सरकार ने पहले की तरह स्कूल प्रबंधन पर गणवेश खरीदी से लेकर वितरण की संपूर्ण जिम्मेदारी डाल दी है। जब से गणवेश योजना शुरू हुई, तब से अनुदान जितना था, उतना ही है। पांच साल में महंगाई बढ़ी, लेकिन गणवेश अनुदान में कोई बदलाव नहीं हुआ। जो अनुदान दिया जा रहा है, उतनी रकम में विद्यार्थियों को गणवेश कैसे दिलाएं, यह चिंता मुख्याध्यापकों को सता रही है।

छाेटे-बड़े का उतना ही अनुदान : पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को गणवेश दिया जाना है। सातवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों को फुलपैंट और छात्राओं को सलवार-कुर्ती देना अनिवार्य है। पहली से छठवीं कक्षा के छात्रों को हाफ पैंट और शर्ट, छात्राओं को हाफ स्कर्ट और शर्ट दिया जाना है, जबकि अनुदान सभी को बराबर देय है, यह बात समझ से परे है।

विद्यार्थी संख्या बढ़ने पर कम पड़ती है निधि : गणवेश अनुदान की रकम गत वर्ष के यूडायस के आधार पर अदा की जाती है। चालू वर्ष में किसी स्कूल की विद्यार्थी संख्या बढ़ने पर गणवेश की निधि कम पड़ जाती है। ऐसी स्थिति में कुछ विद्यार्थी गणवेश से वंचित रह जाते हैं।

अनुदान बढ़ाने की मांग : बढ़ती महंगाई में कपड़ा अौर सिलाई के दाम बढ़ गए हैं। 300 रुपए में बेहतर गुणवत्ता का गणवेश दे पाना मुश्किल हो गया है। सातवीं अौर आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को फुलपैंट और सलवार-कुर्ती के लिए अधिक खर्च आता है। न्यूनतम 500 तक अनुदान बढ़ाने की मुख्याध्यापकों की मांग है।

Created On :   23 May 2025 1:16 PM IST

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