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Nagpur News: एनबीसीसी करेंगी अफ्रीकी सफारी का निर्माण , राज्य सरकार से हरी झंड़ी

- बारिश के बाद शुरू होगा काम
- देखने मिलेंगे अफ्रीकी वन्यजीव
Nagpur News गोरेवाड़ा में प्रस्तावित अफ्रीकी सफारी की राह अब आसान हो गई है। शुक्रवार को हुई राज्य स्तरीय बैठक में यह प्रोजेक्ट नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कंपनी (एनबीसीसी) को सौंपा गया। बारिश के बाद इस प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है। इसके पूरा होने पर नागपुरवासियों को अफ्रीकी वन्यजीवों को करीब से देखने का मौका मिलेगा। 63 हेक्टर क्षेत्र में 250 करोड़ रुपये की लागत से यह सफारी विकसित की जाएगी। बारिश के बाद निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने पर गोरेवाड़ा न केवल स्थानीय बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी एक बड़ा आकर्षण बन सकता है।
गोरेवाड़ा: पर्यटकों का आकर्षण केंद्र : नागपुर से कुछ ही दूरी पर स्थित गोरेवाड़ा वन क्षेत्र पर्यटकों के बीच लोकप्रिय है। यहां बड़ी संख्या में सैलानी सफारी का आनंद लेने आते हैं। हालांकि, मनोरंजन सुविधाओं की कमी के कारण सरकार ने कुछ वर्ष पहले इस क्षेत्र के विस्तार का निर्णय लिया था। खाली पड़ी जमीन का उपयोग कर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए मनोरंजन सुविधाओं को बढ़ाने की योजना बनाई गई। वन विकास निगम (एफडीसीएम) के माध्यम से क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। पहले चरण में 115 हेक्टर पर इंडियन सफारी विकसित की गई, जिसमें बाघ, भालू, तेंदुआ और हर्बिवोर सफारी शामिल हैं। अब अफ्रीकी सफारी के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
एनबीसीसी को मिला जिम्मा : लंबे समय से अटके इस प्रोजेक्ट को हाल ही में राज्य सरकार ने मंजूरी दी थी। हालांकि, निर्माण कार्य की जिम्मेदारी किसे दी जाएगी, यह स्पष्ट नहीं था। सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार की बैठक में यह कार्य सार्वजनिक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के बजाय एनबीसीसी को सौंपा गया।
35 अफ्रीकी वन्यजीव होंगे आकर्षण : अफ्रीकी सफारी में 35 विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीव देखने को मिलेंगे। इनमें लेमूर, मीरकट, अफ्रीकी वाइल्ड डॉग, कुडु, इंपाला, ऑस्ट्रिच, हिप्पोपोटेमस, जिराफ, जेब्रा, बबून, चिंपांजी और अफ्रीकी शेर शामिल हैं।
एक ही पार्ट में होगी पूरी सफारी : इंडियन सफारी में चार अलग-अलग पार्ट बनाए गए हैं, जहां विभिन्न वन्यजीव रखे गए हैं। लेकिन अफ्रीकी सफारी में एक ही पार्ट होगा, जिसमें सभी वन्यजीव एक साथ रहेंगे। शेरों के लिए एक विशेष आइलैंड बनाया जाएगा, जिसके चारों ओर विद्युत प्रवाह की सीमा होगी, जो पर्यटकों को दिखाई नहीं देगी। इससे पर्यटकों को ऐसा अनुभव होगा कि शेर कभी भी उनकी गाड़ी के पास आ सकते हैं, जिससे सफारी का रोमांच बढ़ेगा।
Created On :   24 May 2025 6:45 PM IST