अवैध वोटों के मामले में इन्दौर शहर अव्वल - स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में छोटे शहरों ने सबसे कम अवैध वोट डाले

Indore city tops in illegal votes - State Bar Council elections
अवैध वोटों के मामले में इन्दौर शहर अव्वल - स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में छोटे शहरों ने सबसे कम अवैध वोट डाले
अवैध वोटों के मामले में इन्दौर शहर अव्वल - स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में छोटे शहरों ने सबसे कम अवैध वोट डाले

 डिजिटल डेस्क  जबलपुर । मप्र स्टेट बार काउंसिल चुनाव की मतगणना में 125 अवैध वोटों के साथ इन्दौर शहर पहले पायदान पर है। अब तक की मतगणना में 1056 अवैध वोट पाए गए हैं। खास बात यह है कि इनवैलिड वोटिंग के मामले में प्रदेश के बड़े शहर ही अव्वल रहे, जबकि छोटे शहरों से बहुत कम अवैध वोट निकले। गुरुवार से आगे शुरु होने वाली मतगणना में अवैध वोटों की संख्या और बढऩे की उम्मीद है।
स्टेट बार काउंसिल चुनाव में 145 उम्मीदवार अपने भाग्य आजमा रहे हैं। 17 जनवरी को हुए मतदान के बाद 17 फरवरी से मतगणना शुरु हुई थी। अब तक कुल 143 मतपेटियां खुल चुकी हैं और उनसे निकले 34 हजार 848 वोटों की गिनती हो चुकी है। उनमें 1056 अवैध वोट निकले हैं, जबकि एक वोट विवादित पाया गया है। इस तरह अब तक 33 हजार 791 वैध मत उम्मीदवारों को मिले हैं। अभी तक प्रदेश के 34 छोटे शहर ऐसे हैं, जहां का एक भी वोट अवैध घोषित नहीं हुआ है।
अवैध वोटों की कहानी आंकड़ों की जुबानी
शहर    कुल वोट    अवैध वोट
इन्दौर     3401         125
भोपाल    2782         119
जबलपुर  4224          85
ग्वालियर  2807          66
रीवा       2178          47
कैसे अवैध हो जाते हैं वोट
सूत्रों के अनुसार स्टेट बार काउंसिल के चुनाव में वरीयता के आधार पर उम्मीदवारों का चयन होता है। चुनाव में खड़े उम्मीदवारों के नाम के आगे मतदाता अधिवक्ता को वरीयता के अनुसार नंबर लिखने होते हैं। कुछ मतदाता अधिवक्ता अपने पसंद के कई उम्मीदवारों के नाम के आगे प्रथम लिख देते हैं या फिर सही का निशान लगा देते हैं। मतपेटियों में बंद जिन वोटों में 1 से लेकर 25 तक का क्रम लिखने के बजाए निशान लगाए जाते हैं और फिर कई प्रत्याशियों के नाम के आगे प्रथम लिखा जाता है, वो वोट अवैध घोषित कर दिए जाते हैं।
दो ही पार कर सकते हैं कोटे का आंकड़ा
अब तक की मतगणना के आधार पर टॉप टेन की सूची में जबलपुर के मनीष दत्त 1605 वोट्स और इन्दौर के विवेक सिंह 1254 वोटों के साथ शीर्ष पर चल रहा हैं। तीसरे नंबर पर इन्दौर के ही सुनील गुप्ता 958 वोटों के दौड़ में शामिल हैं। टॉप टेन के दो ही उम्मीदवारों को मिले प्रथम वरीयता के हजार वोटों से ज्यादा मिले हैं। उनकी वोटों की संख्या को देखते हुए माना जा रहा है कि सिर्फ दत्त और सिंह ही पहले राउण्ड में विजयी घोषित हो सकते हैं।
दूसरी वरीयता में बिगड़ेंगे कई के गणित
सूत्रों की मानें तो स्टेट बार काउंसिल चुनाव में जितने अहम प्रथम वरीयता के वोट रहते हैं, उतने ही महत्वपूर्ण दूसरी वरीयता के वोट भी रहते हैं। पहली वरीयता के वोटों के आधार पर कुछ उम्मीदवार कोटा पार करके विजयी घोषित कर दिए जाते हैं। वहीं दूसरे राउण्ड की गिनती में किसी उम्मीदवार के खाते में पहली वरीयता के भले ही 5 सौ वोट हों, लेकिन उससे कम वोट वाले भी दूसरी वरीयता के वोट मिलने के कारण काफी आगे निकल जाते हैं। इसलिए माना जाता है कि दूसरी वरीयता के वोट कई उम्मीदवारों के गणित बिगाड़ देते हैं।

अभी ये उम्मीदवार हैं टॉप 10 में
1- मनीष दत्त (जबलपुर)- 1605 वोट
2- विवेक सिंह (इन्दौर)- 1254 वोट
3- सुनील गुप्ता (इन्दौर)- 958 वोट
4- विजय चौधरी (भोपाल)- 843 वोट
5- मनीष तिवारी (जबलपुर)- 834 वोट
6- आरके सिंह सैनी (जबलपुर)- 816 वोट
7- हितोषी जय हार्डिया (इन्दौर)- 784 वोट
8- नरेन्द्र कुमार जैन (इन्दौर)- 777 वोट
9- रामेश्वर नीखरा (गाडरवारा)- 740 वोट
10- जयप्रकाश मिश्रा (ग्वालियर)- 675 वोट
इस माह पूरी हो सकती है मतगणना
इस बार की मतगणना सबसे तेज गति से और बिना किसी विवाद के चल रही है। अभी तक 37 जिलों के वोटों की पहले राउण्ड की गिनती पूरी हो चुकी है। विदिशा जिले के साथ ही पहले राउण्ड की मतगणना पूरी घोषित करके फिर उम्मीदवारों के बाहर होने का क्रम शुरु हो जाएगा। पहले राउण्ड की मतगणना की रफ्तार को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि मतगणना इसी माह पूरी हो जाएगी।
प्रशान्त दुबे, चुनाव अधिकारी, स्टेट बार काउंसिल

Created On :   12 March 2020 1:45 PM IST

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