आंगनवाड़ीकर्मियों को नया स्मार्ट फोन देने से जुड़े प्रलंबित प्रस्ताव की स्थिति को लेकर सरकार से जानकारी मांगी

Information sought from the government regarding the status of new smart phones to Anganwadi workers
आंगनवाड़ीकर्मियों को नया स्मार्ट फोन देने से जुड़े प्रलंबित प्रस्ताव की स्थिति को लेकर सरकार से जानकारी मांगी
हाईकोर्ट आंगनवाड़ीकर्मियों को नया स्मार्ट फोन देने से जुड़े प्रलंबित प्रस्ताव की स्थिति को लेकर सरकार से जानकारी मांगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने आंगनवाड़ीकर्मियों को नया स्मार्ट फोन देने से जुड़े प्रलंबित प्रस्ताव की स्थिति को लेकर राज्य सरकार से जानकारी मंगाई है। ताकि आंगनवाड़ीकर्मी पोषण ट्रैक एप पर सुगमता से काम कर सकें। वर्तमान में तकनीकी रूप से पुराने हो चुके (आउडेटेड) फोन से काम करने में आ रही दिक्कतों को लेकर आंगनवाड़ी कर्मचारियों के 6 संगठनों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। यह संगठन एक लाख आंगनवाड़ी कर्मचारी, आंगनवाड़ी सहायिकाओं व 13 हजार मिनी आंगनवाड़ी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं। आंगनवाड़ी कर्मचारी मुख्य रूप से एकात्मक बाल विकास योजना (आईसीडीएस) के तहत महिला व बच्चों के कल्याण के लिए लागू की जानेवाली योजनाओं को लागू करते हैं। याचिका में आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने दावा किया है कि  तकनीकी रूप से पुराने मोबाइल से आईसीडीएस पोषण ट्रैकर एप से जुड़े कार्य की रिपोर्टिंग संभव नहीं है। 

पिछली सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को सूचित किया था कि आंगनवाड़ी कर्मचारियों को उत्कृष्ट दर्जे का मोबाइल फोन दिया जाएगा। जिसकी दो साल वारंटी होगी। इससे संबंधित प्रस्ताव भी तैयार कर सरकार के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया है। नए स्मार्ट फोन के लिए 113 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ के सामने मामले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान खंडपीठ ने  सरकारी वकील से आंगनवाड़ीकर्मियों को नया मोबाइल फोन देने से जुड़े प्रलंबित प्रस्ताव की स्थिति की जानकारी अगली सुनवाई के दौरान देने को कहा। इसके साथ ही खंडपीठ ने कहा कि हम इस याचिका का निपटारा करने की बजाय इसकी निगरानी करने के इच्छुक हैं। इसलिए अगली सुनवाई के दौरान हमें सरकारी वकील फोन से जुड़े प्रस्ताव की स्थिति की जानकारी पेश करें। जहां तक बात पोषण ट्रैक एप में लाभार्थियों के नाम दर्ज करने की भाषा से जुड़े मुद्दे की है, तो हम इस बारे में केंद्र सरकार के वकील को निर्देश देने के लिए समय देते हैं। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर 28 मार्च 2023 को सुनवाई रखी है। 

 

Created On :   18 March 2023 3:28 PM GMT

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