पिता की कार के नीचे आई मासूम पुत्री मौके पर ही मौत, बचाने कूदी मां भी घायल

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
पिता की कार के नीचे आई मासूम पुत्री मौके पर ही मौत, बचाने कूदी मां भी घायल

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  घर के सामने पिता की कार की चपेट में आने से दो वर्षीय पुत्री की मौत हो गई, जबकि बालिका को बचाने के लिए दौड़ी मां जख्मी हो गई। बालिका का नाम संघवी स्वप्निल वानखेड़े (2) अलंकार नगर, पाठक ले-आउट हुड़केश्वर निवासी है। पता चला है कि बालिका अपने परिवार में इकलौती संतान थी। पुलिस का कहना है कि बालिका कार के सामने आकर टकरा गई, जिससे उक्त घटना हुई। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार स्वप्निल वानखेड़े वाहन चालक है। उसके पास तवेरा कार है। वह किराए से कार देता है। अन्य वाहन पर वह चालक के रूप में खुद भी काम करता है। उसने  हाल ही में किराए का कमरा बदला था। सोमवार को सुबह करीब 11.30 बजे उसने घर के सामने कार खड़ी की थी। उसकी दो वर्षीय बेटी संघवी कार के पास खेल रही थी। स्वप्निल ने कार चालू किया और बाहर जाने लगा। इस बीच उसकी बेटी कार की चपेट में आ गई। चर्चा है कि  कार का पहिया उसके ऊपर चढ़ गया था। बेटी के कार की चपेट में आने की बात ध्यान में आते ही उसकी मां ने उसे बचाने के लिए छलांग लगाई, तब तक काफी देर हो चुकी थी। घटना में संघवी की मां भी जख्मी हो गई। उसका मेडिकल अस्पताल में उपचार शुरू है। संघवी की मौत की सूचना मिलने पर हुड़केश्वर पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है। घटना से परिसर मे शोकपूर्ण माहौल है।

एनडीसीसी बैंक घोटाला : सुनवाई के लिए विशेष बेंच के गठन पर विचार
बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में एनडीसीसी बैंक के 150 करोड़ के घोटाले से जुड़ी याचिका पर सुनवाई हुई। यह मुद्दा उपस्थित हुआ कि प्रकरण में आरोपी संजय अग्रवाल को बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा जमानत दी गई है।  बॉम्बे हाईकोर्ट का यह निर्णय नागपुर में ट्रायल चलाने में आड़े आ रहा है। ऐसे में नागपुर खंडपीठ अग्रवाल की जमानत रद्द करने पर विचार कर रही है। चूंकि नागपुर खंडपीठ में इस प्रकरण को जनहित याचिका के रूप में सुना जा रहा है, ऐसे में नियमानुसार जनहित याचिका की सुनवाई में किसी आरोपी की जमानत रद्द की जा सकती है या नहीं, इस पर नागपुर खंडपीठ विचार कर रही है।

मौखिक टिप्पणी में नागपुर खंडपीठ इस प्रकरण के लिए तीन जजों की विशेष बेंच के गठन पर भी निर्णय ले सकती है। पुलिस में दर्ज मामले के अनुसार, विशेष लेखा परीक्षक विश्वनाथ असवरे ने बैंक का ऑडिट करके 29 अप्रैल 2002 में गणेशपेठ पुलिस थाने मंे शिकायत दर्ज कराई थी। इसके बाद बैंक के पूर्व अध्यक्ष सुनील केदार, महाव्यवस्थापक अशोक चौधरी और अन्य पर धारा 406, 409, 468, 12-ब, 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था, लेकिन मामले में ट्रायल मंे अत्याधिक देरी हो रही थी। याचिकाकर्ता ओमप्रकाश कामडी ने यह मुद्दा नागपुर खंडपीठ के समक्ष उठाया है। इस मुद्दे को हाईकोर्ट जनहित याचिका के रूप में सुनने का निर्णय लिया है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर कामकाज देख रहे हैं। 

Created On :   7 Nov 2019 11:36 AM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story