एयरपोर्ट के निकट विमानों के उड़ान भरने -उतरने में अवरोध बनी इमारतों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने मुंबई इंटरनेशल एयरपोर्ट परिसर के निकट तय सीमा से अधिक ऊंची इमारतों को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। हाईकोर्ट ने मुंबई उपनगर जिलाधिकारी को एयरपोर्ट के पास स्थित 48 इमारतों के उस हिस्से व अवरोधो को गिराने का निर्देश दिया है जो ऊंचाई से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते है। कोर्ट ने साफ किया है कि जिलाधिकारी इन 48 इमारतों के अवरोधों को हटाए जो विमानों के उड़ान भरने व लैंडिग में अवरोध बन सकते है। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता व न्यायमूर्ति एमएस कर्णिक की खंडपीठ ने इससे पहले इस मामले में निष्क्रियता को लेकर जिलाधिकारी को कड़ी फटकार लगाई और अगली सुनवाई के दौरान हलफनामा दायर कर बताने को कहा कि वे 48 इमारतों के उन अवरोधों को गिराने को लेकर उठाए गए कदमों की जानकारी दे जो उंचाई से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते है। विमान के उडान भरने व लैडिंग में अवरोध पैदा करनेवाली इमारते मुंबई के विलेपार्ले (पूर्व), सांताक्रूज व अंधेरी इलाके में स्थित है। इस बात को जानने के बाद खंडपीठ ने मुंबई के उपजिलाधिकारी को निर्देश दिया कि वे अवरोधों को गिराने के संबंध में नागरी उड्डयन महानिदेशालय(डीजीसीए) की ओर से जारी आदेश को लागू करे। इसके साथ ही वे इस विषय पर उठाए गए कदमों की जानकारी हमें हलफनामे में उपलब्ध कराए। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने मामलो के लेकर जिलाधिकारी के उस रुख पर नाराजगी जाहिर कि जिसके तहत वे इमरातों के अवरोध वाले हिस्से को गिराने की जिम्मेदारी मुंबई महानगरपालिका पर डाल रहे थे। खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में जिलाधिकारी के रवैए से असंतुष्ट है। खंडपीठ ने कहा कि जिलाधिकारी इमारतों को गिराने के लिए मुंबई महानगरपालिका,झोपडपट्टी प्राधिकरण व म्हाडा से मदद ले सकते है। खंडपीठ ने कहा कि मनपा ने पहले ही मदद देने की पहल की है। इसलिए जिलाधिकारी चाहे तो उसकी मदद ले सकते है।
एयरपोर्ट परिसर के निकट नियमों का उल्लंघन कर बनी गगनचुंबी इमारतों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर पेशे से वकील यशवंत शिनॉय ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि ये इमारते विमाने के सुरक्षित उड़ान भरने व लैडिंग के लिए खतरा पैदा करती है। जो सीधे विमान यात्रियों की सुरक्षा को प्रभावित करती है। इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई की जाए।
सुनवाई के दौरान मुंबई इंटरनेशनल एटरपोर्ट लिमिटेड (एसआईएएल) की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विक्रम ननकानी ने कहा कि एमएआईआल ने साल 2016 में इमारतों के 137 अवरोधों की पहचान की थी। इसके बाद डीजीसीए ने साल 2017 में 63 ढांचो को गिराने का आदेश दिया था। इसमें से कुछ लोग अपील में गए है लेकिन 48 ढांचों के खिलाफ वर्तमान में कार्रवाई की जा सकती है। खंडपीठ ने अब इस याचिका पर सुनवाई 22 अगस्त को रखी है।
Created On :   29 July 2022 8:22 PM IST