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वाझे की बहाली के लिए सीएम उद्धव- आदित्य की ओर से दिए गए थे निर्देश पूर्व मुंबई पुलिस आयुक्त को दिए
डिजिटल डेस्क, मुंबई। निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे की ओर से सीधे निर्देश दिए गए थे साथ ही तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख भी इसके लिए लगातार दबाव डाल रहे थे। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दिए जवाब में यह बात कही है। यह जवाब ईडी के एक महीने पहले मामले में दर्ज किए गए आरोपपत्र का हिस्सा है जो अब सामने आएं हैं। सिंह ने ईडी से यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री और गृहमंत्री के कहने पर ही वाझे को बहाली के बाद सीआईयू का प्रमुख बनाया गया और कई अहम मामलों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई। उन्होंने दावा किया कि वाझे को दोनों सीधे बुलाकर उनसे मामलों की जांच से जुड़ी जानकारी लेते थे और आगे की कार्रवाई के निर्देश देते थे। सिंह ने कहा कि उन्हें वाझे ने बताया था कि देशमुख ने उनकी बहाली और नियुक्ति के लिए दो करोड़ रुपए की मांग की थी। बता दें कि वाझे उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटक भरी कार खड़ी करने और कारोबारी मनसुख हिरण की हत्या में मामले में फिलहाल जेल में है। और उसे बर्खास्त भी कर दिया गया है। सिंह ने यह भी कहा कि उन्हें बार-बार सह्याद्री गेस्ट हाउस में बुलाया जाता था जहां देशमुख और परिवहन मंत्री अनिल परब पुलिस अधिकारियों के पोस्टिंग और ट्रांसफर की सूची पकड़ा देते थे। उन्होंने 2020 में डीसीपी के तबादले का आदेश दिया था। तत्कालीन मुख्यसचिव सीताराम कुंटे ने उन्हें ह्वाट्सएप संदेश भेजकर आदेश वापस लेने को कहा। कुंटे ने दावा किया था कि यह मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का आदेश है। सिंह के मुताबिक उनके पास कुंटे का वह संदेश अब भी है। उन्होंने ईडी से कहा कि देशमुख कई बार नियमों का उल्लंघन कर काम करवाते थे। मुंबई में डीसीपी जोन 7 के तौर पर प्रशांत कदम की नियुक्ति उनके कहने पर ही की गई थी।
अनिल परब देते थे तबादलों की सूची-देशमुख
वहीं पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख ने ईडी को दिए बयान में दावा किया है कि पुलिसवालों के तबादलों के लिए अनिल परब उन्हें सूची सौंपते थे। देशमुख के मुताबिक शायद परब को शिवसेना विधायकों की ओर से अपने पसंदीदा अधिकारियों की सूची सौंपी जाती थी। देशमुख ने ईडी को बताया कि उन्होंने यह सूची आगे अतिरिक्त मुख्य सचिव को सौंपी थी और कहा था कि अगर नियमों के हिसाब से हो तभी ये तबादले करें। इसके अलावा देशमुख ने ईडी से यह भी दावा किया है कि परमबीर सिंह ही एंटीलिया मामले में असली मास्टर माइंड हैं। वे लगातार इस मामले में गलत बयानी कर उन्हें गुमराह कर रहे थे। इसीलिए उन्हें मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से हटाने का फैसला किया गया।
भाजपा ने मांगी सफाई
भाजपा के प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि बड़ा खुलासा सामने आया है जिससे पता चलता है कि वसूलीगेट के सूत्रधार वाझे की बहाली के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे ने दबाव डाला था। अगर ऐसा है तो इसकी वजह क्या थी। क्या उसके शिवसेना के पूर्व प्रवक्ता होने के चलते ऐसा किया गया। अधिकारियों के तबादले की सूची शिवसेना और राकांपा के मंत्री अधिकारियों को देते हैं इसका भी खुलासा हुआ है। वसूली के तार सरकार के बड़े-बड़े नेताओं तक पहुंचते हैं। जिनका नाम सामने आया है उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए। वहीं इस मामले पर मीडिया के सवालों का जवाब देने से परब ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि उन्हें इसकी पूरी जानकारी नहीं है।
Created On :   3 Feb 2022 12:54 PM IST