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बीमा कंपनी ने बदल दिए अपने नियम, क्लेम के लिए भटक रहे किसान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मौसम की मार से परेशान किसानों को अब बीमा कंपनी की मार झेलनी पड़ रही है। 7 जून 2017 को जारी आदेश का हवाला देकर बीमा कंपनी ने किसानों को नुकसान की भरपाई देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। इससे किसानों के पैरों तले की जमीन खिसक गई है। किसानों का कहना है कि इसके पहले सालों से बारिश के कारण खड़ी फसल को होने वाले नुकसान की भरपाई कंपनी करती रही है। आरोप है कि इस बार कंपनी ने बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए बीमा कंपनी ने कुछ माह पहले ही नियम से यह प्रॉवधान हटा दिया।
जिसकी जानकारी किसानों को नहीं लगी। कामठी तहसील में 22-23 अक्टूबर को तेज हवा के साथ हुई बारिश से धान की फसल झुक गई। तहसील के वड़ोदा, गुमथला, आजनी, गादा, नेरी, भूगांव सेलो, खेड़ी, परसोड़ी, श विनी, झरप, चिखली, केसोरी, नींबा, वरंभा, अंबाड़ी, आड़का, केम आदि गांवों में बारिश के कारण धान की फसल का नुकसान हुआ। खेत में पानी भरने से इसमें डूबकर फसल सड़ गई। फसल के नुकसान का सर्वेक्षण करने दूसरे ही दिन पंचायत, राजस्व तथा कृषि विभाग के अधिकारियों ने इन गांवों का दौरा किया। सर्वेक्षण के आंकड़े जुटाए गए। इसमें 1159 हेक्टेयर में धान की फसल के नुकसान अनुमान लगाया गया।
नए नियम में व्यवस्था नहीं
प्राथमिक रिपोर्ट बनाकर बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को सूचना दी गई। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि ने प्रत्यक्ष सर्वेक्षण किया, परंतु खड़ी फसल का नुकसान होने से नुकसान भरपाई देने में असमर्थता जताई। 7 जून 2017 काे जारी आदेश का हवाला देकर बताया कि यदि फसल कट जाती और इसके बाद बारिश से फसल का नुकसान होता, तो नुकसान भरपाई दी जा सकती थी। खड़ी फसल का नुकसान होने पर भरपाई देने का पहले नियम था। नए नियम में इसे हटा दिया गया है। फसल का नुकसान होने पर भरपाई मिलने की किसानों को जो आशा थी, बीमा कंपनी प्रतिनिधि के जवाब से निराशा में बदल गई।
यह तो धोखाधड़ी है
फसल कर्ज से बीमा की रकम काट ली जाती है। जो किसान कर्ज नहीं लेते, उन्हें बीमा करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। भरपाई देने की नौबत आने पर बहानेबाजी की जाती है। कामठी तहसील में खड़ी फसल का नुकसान होने पर इसे भरपाई देने से हाथ खड़े कर दिए गए हैं। यह तो किसानों के साथ धोखाधड़ी है। बीमा कंपनी के इस व्यवहार से सरकार को अवगत कराया जाएगा।
विनोद पाटील, जिला परिषद सदस्य, वड़ोदा सर्कल, तहसील कामठी
रिपोर्ट तहसीलदार को भेजी है
कामठी तहसील में हुई जोरदार बारिश से धान की सफल का नुकसान हुआ है। प्राथमिक सर्वेक्षण कर रिपोर्ट तहसीलदार को भेजी गई है। बीमा कंपनी के प्रतिनिधि को सूचित करने पर उन्होंने भी सर्वेक्षण किया, परंतु नियमों का हवाला देकर उन्होंने इसे नुकसान भरपाई के लिए अपात्र बताया है।
सोनल गजभिये, कृषि विकास अधिकारी, कामठी तहसील
3 नवंबर को पालकमंत्री ने बुलाई बैठक
किसानों को नुकसान भरपाई देने से बीमा कंपनी द्वारा हाथ खड़े करने पर पालकमंत्री ने जिलाधिकारी को बैठक बुलाने का पत्र दिया है। 3 नवंबर को जिलाधिकारी कार्यालय में इस मुद्दे पर बैठक होगी। कृषि विभाग के अधिकारी, बीमा कंपनी के प्रतिनिधि बैठक में उपस्थित रहेंगे।
फसल कटने के बाद आंधी, ओलावृष्टि, भूस्खलन, चक्रवात, बाढ़ या नदी का पानी भरने से यदि नुकसान होता है, तो किसान को नुकसान भरपाई दी जा सकती है। 7 जून 2017 को जारी आदेश में खड़ी फसल को बारिश से नुकसान होने पर भरपाई देने का प्रावधान नहीं है। इसके पहले खड़ी फसल को बारिश से होने वाले नुकसान की भरपाई का प्रॉवधान था जो 7 जून 2017 को खत्म कर दिया। इसलिए कामठी तहसील में फसल का जो नुकसान हुआ है, नुकसान भरपाई के दायरे में नहीं आता।
अमर सापन, प्रतिनिधि, भारतीय कृषि बीमा कंपनी लि. मुंबई
Created On :   30 Oct 2017 8:20 PM IST