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दैनिक भास्कर हिंदी: भारत बंद : कई राज्यों में फैली हिंसा, 9 की मौत
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। सोमवार को कई दलित संगठनों ने 'भारत बंद' का ऐलान किया। SC-ST एक्ट में किए गए संशोधन के विरोध में आयोजित बंद को लेकर सरकार व प्रशासन द्वारा मुस्तैदी बरती गई, इसके बावजूद देशभर में भड़की हिंसा में अब तक 9 लोगों की जान जा चुकी है। मध्यप्रदेश और राजस्थान के अलग-अलग इलाकों में हालात काफी नाजुक हैं। एमपी में 6, उत्तर प्रदेश में 2 और राजस्थान में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि राजस्थान के बाडमेर में हिंसक झड़प में 25 लोग घायल हुए हैं। बिहार में भारत बंद के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में 3,619 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
पंजाब सरकार ने सतर्कता बरतते हुए सार्वजनिक परिवहन सेवा के साथ ही, सारे शैक्षिक संस्थान और मोबाइल सेवा बंद करने का फैसला लिया है। बता दें पंजाब के कई संगठनों ने भी इस बंद में शामिल होने फैसला लिया। प्रशासन द्वारा बंद के दौरान पैदा होने वाली किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सेना की तैनाती कर दी गई है। बठिंडा जिले में 2 दिन पहले से ही करीब 300 बीएसएफ व पंजाब पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है।
- उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक युवक की गोली लगने से मौत हो गई।
- भारत बंद के दौरान ग्वालियर में 19 लोग घायल, जिनमें से दो की हालत गंभीर बनी हुई है। जिसके बाद एहतियातन तौर पर मंगलवार शाम छह बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया।
- -ग्वालियर में प्रदर्शन कर रहे दो समूहों में संघर्ष हो गया, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद हालात बेहद तनावपूर्ण हो गए हैं। जिसके बाद पूरे शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
- भारत बंद के बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा 'दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS-BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं। हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की मांग कर रहे हैं।'
दलितों को भारतीय समाज के सबसे निचले पायदान पर रखना RSS/BJP के DNA में है। जो इस सोच को चुनौती देता है उसे वे हिंसा से दबाते हैं।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 2, 2018
हजारों दलित भाई-बहन आज सड़कों पर उतरकर मोदी सरकार से अपने अधिकारों की रक्षा की माँग कर रहे हैं।
हम उनको सलाम करते हैं।#BharatBandh
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।
भारत सरकार द्वारा आज सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फ़ाइल कर दी गयी है। जनता से अनुरोध है कि वो कृपया शान्ति बनाए रखें। हमारी सरकार अनुसूचित जाती और अनुसूचित जनजाति के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) April 2, 2018
- ग्वालियर में भी एक युवक की मौत की खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि पुलिस फायरिंग में इस युवक को गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
- मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाइवे पूरी तरह से बंद हो गया है। इसके अलावा 2 बसों को भी आग के हवाले कर दिया गया है। दलित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ में कंकरखेड़ा थाने की शोभापुर पुलिस चौकी को फूंक दिया है। इसके अलावा कई वाहनों में भी आग लगाई गई है।
- राजस्थान के भरतपुर में महिलाएं लाठियां लेकर सड़कों पर उतरीं और जाम लगा दिया। वहीं, बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी देखने को मिली। जिसमें पुलिस समेत करीब 25 लोग घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
- मध्यप्रदेश के सागर और ग्वालियर में दलितों के प्रदर्शन के बाद धारा-144 लागू। वहीं भिंड के कुछ इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। भिंड के अलावा लहार, गोहद और मेहगांव में भी कर्फ्यू लगा दिया गया है।
- SC-ST एक्ट में बदलाव पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ दलित संगठनों की ओर से बुलाए गए भारत बंद के दौरान मध्यप्रदेश के ग्वालियर और चंबल इलाके में हिंसा की खबरें हैं। मुरैना में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि मुरैना में कर्फ्यू लगा दिया गया है। मुरैना में बंद के दौरान मारपीट, तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं होने के बाद लोग इस कदर बेकाबू हो गए कि प्रशासन ने कर्फ्यू लगा दिया। शहर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है जो सुरक्षा और शांति बनाने की कोशिश कर रहा है। चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बल नजर बनाए हुए हैं और संदिग्धों और उपद्रवियों को पकड़ा जा रहा है। इससे पहले बंद के दौरान ग्वालियर के कई इलाकों में भी तोड़फोड़, पथराव, गोलीबारी और आगजनी की खबरें आईं। वहीं भिंड में भीम सेना ने ट्रेन रोकने के लिए पटरी पर ही डेरा जमा लिया। इतना ही नहीं टोल प्लाजा पर प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों की हवा निकालकर उन्हें पंक्चर कर दिया। इससे गाड़ियां टोल नाके पर ही खड़ी हैं और लम्बा जाम लग गया है। बंद के चलते इलाके में भारी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया था लेकिन इसके बाद भी हालात बेकाबू हो रहे हैं और लगातार घटनाएं बढ़ रही हैं। इसके साथ ही मुरैना में एक प्रदर्शनकारी की भी मौत की खबर है।
- पंजाब के पटियाला में प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकी। इस दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं भी मौजूद रहीं।
- राजस्थान के भरतपुर में महिलाएं लाठियां लेकर सड़कों पर उतरीं और जाम लगा दिया। वहीं, बाड़मेर में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प भी देखने को मिली। जिसमें पुलिस समेत करीब 25 लोग घायल हो गए। पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज किया।
भारी तादात में #BharatBandh को सफल बनाने केलिये महिलाएं भी निकल रही है।
— Devashish Jarariya (@jarariya91) April 2, 2018
"निकलो बाहर मकानों से जंग लड़ो बेईमानों से"#SCSTAct pic।twitter।com/FDh90ELIbF
- बिहार के हाजीपुर में बंद समर्थको ने कोचिंग संस्थान पर हमला किया। इस दौरान कोचिंग संचालकों और बंद समर्थकों के बीच पथराव और मारपीट भी हुई। बंद समर्थकों ने छात्रों की साइकिल और डेस्क बेंच में आग लगा दी।
- दलित प्रदर्शनकारियों ने मेरठ में कंकरखेड़ा थाने की शोभापुर पुलिस चौकी को फूंक दिया है। इसके अलावा कई वाहनों में भी आग लगाई गई है।
- मेरठ में दिल्ली-देहरादून हाइवे पूरी तरह से बंद हो गया है। इसके अलावा 2 बसों को भी आग के हवाले कर दिया गया है।
बिहार के आरा में CPIML के कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोककर प्रदर्शन किया।
ओडिशा के संभलपुर में ट्रेन रोककर किया प्रदर्शन
-महाराष्ट्र की उपराजधानी नागपुर में दोपहर तकरीबन सवा 3 बजे के आस पास कार्यकर्ताओं हुजूम कामठी रोड स्थित गुरुद्वारा के पास के रेलवे ओवर ब्रिज पर चढ़ गया।
-प्रदर्शनकारियों ने तमिलनाडू एक्सप्रेस को रोक दिया। कार्यकर्ता नारेबाजी करते हुए ट्रेन के इंजन पर जा चढ़े। मौके पर पहुंचकर RPF और GRP की टीम ने प्रदर्शनकारियों को शांत कराया।
-तकरीबन 24 मिनट तक ट्रेन थमने के बाद यह ट्रेन आगे रवाना हुई। चेन्नई से दिल्ली की ओर जानेवाली ट्रेन को स्टेशन से निकलते ही पटरियों पर खड़े कार्यकर्ताओं ने रोक लिया।
-ट्रेन थमने के बाद कार्यकर्ता उसमें जा चढ़े। हालांकि प्रदर्शन के दौरान किसी भी पैसेंजर को कोई भी नुकसान या ट्रेन को किसी भी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचाई गई।
-इस मामले में दोनों सुरक्षा बलों की ओर से प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार नहीं किया गया। लेकिन धारा 179 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई है। इसके अलावा वहां खड़ी मालगाड़ी को भी आगे बढ़ने से प्रदर्शनकारियों ने रोके रखा था। प्रदर्शनकारियों की संख्या 200 के करीब बताई जा रही है।
- बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने भारत बंद को समर्थन देने का ऐलान किया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उनकी पार्टी SC/ST एक्ट मामले को लेकर भारत बंद में आरजेडी का पूर्ण समर्थन है। मोदी सरकार संविधान बदलने में लगी है। देश में दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है। अबकी बार दलित,पिछड़ा और ग़रीब विरोधी भाजपा को सबक सिखाना है।
देशभर में अपने अधिकारों के लिए दलित बहुजन समाज के लोग आ रहे हैं सड़कों पर। संख्या बल सर्वोत्तम बल है।
— Dalit News Network (@dalitnews) April 2, 2018
अगर सभी घरों में बैठे रहे तो पछतावे का मौका नहीं मिल पाएगा।#BharatBandh pic।twitter।com/SI6O8FX233
राजनीतिक संगठनों ने बंद में शामिल होने के लिए दिए हैं अप्रत्यक्ष निर्देश
गौरतलब है कि कोर्ट की तरफ से SC-ST एक्ट के संबंध में सुनाए गए फैसले से दलित समुदाय में भारी नाराजगी देखी जा रही है। बता दें कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक देश भर में SC-ST एक्ट के तहत साल 2016 में कुल 11060 ऐसे केस दर्ज हुए थे। हालांकि जांच के दौरान इनमें से 935 मामले पूरी तरह से गलत पाए गए हैं। जिसके बाद इसे लेकर सर्वोच्च न्यायाजय में एक याचिका दायर की गई। जिस पर फैसला सुनाते हुए अदालत ने SC-ST एक्ट में एक्ट के तहत तुरंत होने वाली गिरफ्तारी पर रोक लगा कर इन नियमों में कुछ सुधार किए हैं। जिसके तहत अब से किसी के खिलाफ शिकायत मिलने पर उसे तुरंत गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। अब से पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी की जांच के बाद यदि कोई पहली नजर में दोषी पाया जाता है तब ही उसकी गिरफ्तारी की जा सकती है।
स्वास्थ्य योजना: आरोग्य संजीवनी पॉलिसी खरीदने के 6 फ़ायदे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आरोग्य संजीवनी नीति का उपयोग निस्संदेह कोई भी व्यक्ति कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह बिल्कुल सस्ती है और फिर भी आवेदकों के लिए कई गुण प्रदान करती है। यह रुपये से लेकर चिकित्सा व्यय को कवर करने में सक्षम है। 5 लाख से 10 लाख। साथ ही, आप लचीले तंत्र के साथ अपनी सुविधा के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं। आप ऑफ़लाइन संस्थानों की यात्रा किए बिना पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन कर सकते हैं। आरोग्य संजीवनी नीति सामान्य के साथ-साथ नए जमाने की उपचार सेवाओं को भी कवर करने के लिए लागू है। इसलिए, यह निस्संदेह आज की सबसे अच्छी स्वास्थ्य योजनाओं में से एक है।
• लचीला
लचीलापन एक बहुत ही बेहतर पहलू है जिसकी किसी भी प्रकार की बाजार संरचना में मांग की जाती है। आरोग्य संजीवनी पॉलिसी ग्राहक को अत्यधिक लचीलापन प्रदान करती है। व्यक्ति अपने लचीलेपन के आधार पर प्रीमियम का भुगतान कर सकता है। इसके अलावा, ग्राहक पॉलिसी के कवरेज को विभिन्न पारिवारिक संबंधों तक बढ़ा सकता है।
• नो-क्लेम बोनस
यदि आप पॉलिसी अवधि के दौरान कोई दावा नहीं करते हैं तो आरोग्य संजीवनी पॉलिसी नो-क्लेम बोनस की सुविधा देती है। उस स्थिति में यह बोनस आपके लिए 5% तक बढ़ा दिया जाता है। आपके द्वारा बनाया गया पॉलिसी प्रीमियम यहां आधार के रूप में कार्य करता है और इसके ऊपर यह बोनस छूट के रूप में उपलब्ध है।
• सादगी
ग्राहक के लिए आरोग्य संजीवनी पॉलिसी को संभालना बहुत आसान है। इसमें समान कवरेज शामिल है और इसमें ग्राहक के अनुकूल विशेषताएं हैं। इस पॉलिसी के नियम और शर्तों को समझने में आपको ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। इससे पॉलिसी खरीदना आसान काम हो जाता है।
• अक्षय
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य नीति की वैधता अवधि 1 वर्ष है। इसलिए, यह आपके लिए अपनी पसंद का निर्णय लेने के लिए विभिन्न विकल्प खोलता है। आप या तो प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं या योजना को नवीनीकृत कर सकते हैं। अंत में, आप चाहें तो योजना को बंद भी कर सकते हैं।
• व्यापक कवरेज
यदि कोई व्यक्ति आरोग्य संजीवनी पॉलिसी के साथ खुद को पंजीकृत करता है तो वह लंबा कवरेज प्राप्त कर सकता है। यह वास्तव में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों से संबंधित बहुत सारे खर्चों को कवर करता है। इसमें दंत चिकित्सा उपचार, अस्पताल में भर्ती होने के खर्च आदि शामिल हैं। अस्पताल में भर्ती होने से पहले से लेकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तक के सभी खर्च इस पॉलिसी द्वारा कवर किए जाते हैं। इसलिए, यह नीति कई प्रकार के चिकित्सा व्ययों के खिलाफ वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक समग्र दृष्टिकोण है।
• बजट के अनुकूल
आरोग्य संजीवनी स्वास्थ्य योजना एक व्यक्ति के लिए बिल्कुल सस्ती है। यदि आप सीमित कवरेज के लिए आवेदन करते हैं तो कीमत बिल्कुल वाजिब है। इसलिए, जरूरत पड़ने पर आप अपने लिए एक अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल का विकल्प प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
आरोग्य संजीवनी नीति समझने में बहुत ही सरल नीति है और उपरोक्त लाभों के अलावा अन्य लाभ भी प्रदान करती है। सभी सामान्य बीमा कंपनियां ग्राहकों को यह पॉलिसी सुविधा प्रदान करने के लिए बाध्य हैं। हालांकि, यह सरकार द्वारा प्रायोजित नहीं है और ग्राहक को इस पॉलिसी की सेवाएं प्राप्त करने के लिए भुगतान करना होगा। इसके अलावा, अगर वह स्वस्थ जीवन शैली का पालन करता है और उसे पहले से कोई मेडिकल समस्या नहीं है, तो उसे इस पॉलिसी को खरीदने से पहले मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। हालाँकि, इस नीति के लिए आवेदन करते समय केवल नीति निर्माताओं को ही सच्चाई का उत्तर देने का प्रयास करें।
SSC MTS Cut Off 2023: जानें SSC MTS Tier -1 कटऑफ और पिछले वर्ष का कटऑफ
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कर्मचारी चयन आयोग (SSC) भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों की मुख्य भर्तियों हेतु अधिसूचना तथा भर्तियों हेतु परीक्षा का आयोजन करता रहा है। हाल ही में एसएससी ने SSC MTS और हवलदार के लिए अधिसूचना जारी किया है तथा इस भर्ती हेतु ऑनलाइन आवेदन भी 18 जनवरी 2023 से शुरू हो चुके हैं और यह ऑनलाइन आवेदन 17 फरवरी 2023 तक जारी रहने वाला है। आवेदन के बाद परीक्षा होगी तथा उसके बाद सरकारी रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा।
एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु परीक्षा दो चरणों (टियर-1 और टियर-2) में आयोग के द्वारा आयोजित की जाती है। इस वर्ष आयोग ने Sarkari Job एसएससी एमटीएस भर्ती के तहत कुल 12523 पदों (हवलदार हेतु 529 पद) पर अधिसूचना जारी किया है लेकिन आयोग के द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार भर्ती संख्या अभी अनिश्चित मानी जा सकती है। आयोग के द्वारा एसएससी एमटीएस भर्ती टियर -1 परीक्षा अप्रैल 2023 में आयोजित की जा सकती है और इस भर्ती परीक्षा हेतु SSC MTS Syllabus भी जारी कर दिया गया है।
SSC MTS Tier 1 Cut Off 2023 क्या रह सकता है?
एसएससी एमटीएस कटऑफ को पदों की संख्या तथा आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या प्रभवित करती रही है। पिछले वर्षों की अपेक्षा इस वर्ष भर्ती पदों में वृद्धि की गई है और संभवतः इस वर्ष आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है तथा इन कारणों से SSC MTS Cut Off 2023 बढ़ सकता है लेकिन यह उम्मीदवार के वर्ग तथा प्रदेश के ऊपर निर्भर करता है। हालांकि आयोग के द्वारा भर्ती पदों की संख्या अभी तक सुनिश्चित नहीं कि गई है।
SSC MTS Tier 1 Expected Cut Off 2023
हम आपको नीचे दिए गए टेबल के माध्यम से वर्ग के अनुसार SSC MTS Expected Cut Off 2023 के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 100-110
• ओबीसी 95 -100
• एससी 90-100
• एससी 80-87
• पुर्व सैनिक 40-50
• विकलांग 91-95
• श्रवण विकलांग 45-50
• नेत्रहीन 75-80
SSC MTS Cut Off 2023 – वर्ग के अनुसार पिछले वर्ष का कटऑफ
उम्मीदवार एसएससी एमटीएस भर्ती हेतु पिछले वर्षों के कटऑफ को देखकर SSC MTS Cut Off 2023 का अनुमान लगा सकते हैं। इसलिए हम आपको उम्मीदवार के वर्गों के अनुसार SSC MTS Previous Year cutoff के बारे में निम्नलिखित टेबल के माध्यम से बताने जा रहे हैं-
• वर्ग कटऑफ
• अनारक्षित 110.50
• ओबीसी 101
• एससी 100.50
• एससी 87
• पुर्व सैनिक 49.50
• विकलांग 93
• श्रवण विकलांग 49
• नेत्रहीन 76
SSC MTS के पदों का विवरण
इस भर्ती अभियान के तहत कुल 11994 मल्टीटास्किंग और 529 हवलदार के पदों को भरा जाएगा। योग्यता की बात करें तो MTS के लिए उम्मीदवार को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से कक्षा 10वीं उत्तीर्ण होना चाहिए। इसके अलावा हवलदार के पद के लिए शैक्षणिक योग्यता यही है।
ऐसे में परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों के लिए यह बेहद ही जरूरी है, कि परीक्षा की तैयारी बेहतर ढंग से करें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करें।
रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय: वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का पहला मैच रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने 4 रनों से जीत लिया
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के स्पोर्ट ऑफिसर श्री सतीश अहिरवार ने बताया कि राजस्थान के सीकर में वेस्ट जोन इंटर यूनिवर्सिटी क्रिकेट टूर्नामेंट का आज पहला मैच आरएनटीयू ने 4 रनों से जीत लिया। आज आरएनटीयू विरुद्ध जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के मध्य मुकाबला हुआ। आरएनटीयू ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। आरएनटीयू के बल्लेबाज अनुज ने 24 बॉल पर 20 रन, सागर ने 12 गेंद पर 17 रन और नवीन ने 17 गेंद पर 23 रन की मदद से 17 ओवर में 95 रन का लक्ष्य रखा। लक्ष्य का पीछा करने उतरी जीवाजी यूनिवर्सिटी की टीम निर्धारित 20 ओवर में 91 रन ही बना सकी। आरएनटीयू के गेंदबाज दीपक चौहान ने 4 ओवर में 14 रन देकर 3 विकेट, संजय मानिक ने 4 ओवर में 15 रन देकर 2 विकेट और विशाल ने 3 ओवर में 27 रन देकर 2 विकेट झटके। मैन ऑफ द मैच आरएनटीयू के दीपक चौहान को दिया गया। आरएनटीयू के टीम के कोच नितिन धवन और मैनेजर राहुल शिंदे की अगुवाई में टीम अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही है।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रह्म प्रकाश पेठिया, कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने खिलाड़ियों को जीत की बधाई और अगले मैच की शुभकामनाएं दीं।