गांबिया में 66 बच्चों की मौत का मामला- राज्य की कफ सिरप उत्पादक कंपनियों की छानबीन
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कफ सिरप के चलते अफ्रीकी देश गांबिया में ६६ बच्चों की मौत के मद्देनजर राज्य में सरकार कफ सिरप बनाने वाली सभी कंपनियों में विशेष जांच अभियान चला रही है। 7 अक्टूबर 2022 से कफ सिरप बनाने वाली 84 कंपनियों की छानबीन की गई और इनमें से 17 को कारण बताओ नोटिस दिया गया है। इसके अलावा गड़बड़ी पाए जाने के बाद 4 कंपनियों में उत्पादन बंद करने को कहा गया है। साथ ही छह उत्पादकों के लाइसेंस निलंबित करने की भी कार्रवाई की जा रही है। राठौड ने बताया कि राज्य में एलोपैथिक दवाओें के 996 उत्पादक हैं जिनमें से 514 अपनी दवाएं निर्यात करते हैं।इस मुद्दे पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधानसभा तालिका अध्यक्ष संजय शिरसाट ने भी सरकार को निर्देश दिए कि सिरप बनाने वाली कंपनियों में जांच अभियान चलाया जाए साथ ही अन्न व औषधि प्रशासन के जरिएदवाओं की गुणवत्ता की भी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि कफ सिरप का इस्तेमाल नशे के लिए भी होता है, कॉलेज के छात्र भी कफ सिपर का इस्तेमाल करते हैं ऐसे में इसकी जांच जरूरी है।
84 कंपनियों की जांच
17 को नोटिस
4 का उत्पादन बंद
6 के लाइसेंस निलंबित
भाजपा के आशिष शेलार, योगेश सागर,जयकुमार रावल, राकांपा के अजित पवार आदि सदस्यों के सवालों के जवाब में मंत्री राठौड ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आशंका जताई थी कि गांबिया में बच्चों की मौत की वजह कफ सिरप में मौजूद हानिकारक तत्वों के चलते हुई है।हालांकि जिस कंपनी की दवा पीने के बाद बच्चों की मौत हुई उसके उत्पाद महाराष्ट्र में नहीं बिकते लेकिन राज्य में कफ सिरप बनाने वाली 108 कंपनियां हैं जिसकी जांच शुरू कर दी गई है।उन्होंने कहा कि जिस कंपनी की दवाएं पीकर गांबिया में बच्चों की मौत हुई है वह कंपनी महाराष्ट्र की है लेकिन जिस उत्पाद में गड़बड़ी पाई गई उसका उत्पादन हरियाणा में हुआ था। उन्होंने कहा कि कंपनियों के लिए स्थितरता प्रमाणपत्र जरूरी होती है। इसके तहत दवाएं 6 महीने तक 30 से 40 डिर्गी सेल्सियस में रखकर उसकी जांच की जाती है कि उसके घटक स्थित हैं या नहीं। इस दौरान आर्द्रता 75 रखी जाती है। हर दवा पर इस्तेमाल की आखिरी तारीख भी होती है।
Created On :   3 March 2023 9:48 PM IST