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पश्चिम विदर्भ में 1.63 लाख हेक्टेयर का सिंचाई अनुशेष कायम
डिजिटल डेस्क, नागपुर। पश्चिम विदर्भ अर्थात अमरावती विभाग में सिंचाई अनुशेष दूर नहीं हो पाया है। जून 2019 तक 1,63,139 हेक्टेयर क्षेत्र का सिंचाई अनुशेष कायम था। इस अनुशेष को दूर करने के लिए 15,488 करोड़ की निधि की आवश्यकता है। विभाग में आर्थिक अनुशेष 2011 में समाप्त हुआ। भौतिक अनुशेष समाप्त नहीं हुआ है। विदर्भ विकास मंडल के अध्यक्ष चैनसुख संचेती ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में जानकारी दी।
संचेती ने बताया कि अमरावती विभाग का सिंचाई अनुशेष दूर करने के लिए दिसंबर 2019 तक अनुशेष निर्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत 15,176.65 करोड रुपये खर्च किया गया। इनमें 14401.04 करोड रुपये मार्च 2019 तक खर्च किए गए। दिसंबर 2019 तक 775.80 करोड रुपये खर्च किए गए। फिलहाल अनुशेष दूर करने के लिए 15488 करोड की आवश्यकता है। जिगाव प्रकल्प के लिए नई सुधारित प्रशासकीय मंजूरी के तहत 13 हजार करोड की आवश्यकता है।
बलिराजा जलसंजीवनी व प्रधानमंत्री कृषि संजीवनी योजना ,केंद्रीय आर्थिक सहायता व नाबार्ड कर्ज से अतिरिक्त निधि जुटायी जा रही है। अनुशेष अंतर्गत कुल 102 प्रकल्पों में से 81 प्रकल्प को सुधारित प्रशासकीय मंजूरी मिली है। 3 प्रकल्पों के प्रस्ताव त्रिसदस्यीय समिति ने मंजूर किए है। 15 प्रकल्पों को वन विभाग की मंजूरी मिल गई है। 12 प्रकल्पों को अंतिम मंजूरी मिली है। 3 प्रकल्प शेष हैं। अनुशेष दूर करने के लिए उपाययोजना की जा रही है। 2022-23 में अनुशेष दूर होगा। पत्रकार वार्ता में विदर्भ विकास मंडल के सदस्य सचिव हेमंत पवार उपस्थित थे।
Created On :   13 Feb 2020 10:29 PM IST