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अस्पताल में मरीज के बगल में शव पड़े रहना चिंताजनक
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अस्पताल में मरीज के बगल की खाट में शव पड़े रहने के मामले को लेकर चिंता व्यक्त की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह सिर्फ राजधानी ही नहीं पूरे राज्य के लिए चिंता का विषय है। किसी भी अस्पताल में मरीज के बगल में शव पड़ा रहना ठीक नहीं है। इसलिए सरकार व मुंबई महानगर पालिका आश्वस्त करें कि मरीज के बगल में शव न हो। इस विषय पर भारतीय जनता पार्टी के विधायक आशिष शेलार ने जनहित याचिका दायर की है। याचिका में सायन अस्पताल में मरीज के बगल से शव पड़े होने के मुद्दे को उठाया गया है। शुक्रवार को यह याचिका मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। याचिका पर गौर करने के बाद खंडपीठ ने मरीज के बगल में शव पड़े रहने को लेकर चिंता व्यक्त की। इसके साथ ही सायन अस्पताल में इस मामले को लेकर की गई जांच की रिपोर्ट पेश करने व शवों को नष्ट करने के लिए अपनाई जानेवाली प्रक्रिया को लेकर जानकारी देने को कहा। याचिका में इस मुद्दे के अलावा किसानों व मजदूरों को तत्काल आर्थिक मदद पैकेज जारी करने की मांग की गई हैं।
याचिका में मुख्य रूप से गरीब किसानों व मजदूरों की पीड़ा को दर्शाया गया है। इसके साथ ही दिहाड़ी मजदूर, ऑटोरिक्शा, ओला-उबर व टैक्सी ड्राइवर तथा दुकानों में काम करने वाले कर्मचारियों एवं असंगठित क्षेत्र में काम करने लोगों वाले की मदद के लिए तत्काल वित्तीय पैकेज जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। जिससे लॉकडाउन के चलते मुश्किलों का सामना कर रहे लोगों राहत मिल सके। याचिका में राज्य के शिक्षा विभाग को विद्यार्थियों को पढ़ाई में मदद के लिए विशेष कार्य दल बनाकर ई लर्निग की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश देने की भी मांग की गई हैं। याचिका में स्कूल की फीस में वृद्धि न करने, केशरी राशनकार्ड धारकों को अनाज की आपूर्ति करने का भी आग्रह किया गया है। शेलार की ओर से अधिवक्ता आमित मेहता ने पक्ष रखा। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को याचिका पर जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई 1 जुलाई को रखी है।
Created On :   26 Jun 2020 6:35 PM IST