नागपुर जेल प्रशासन के पास नहीं आपातकाल में बंद लोगों की सजा का ब्यौरा

Jail administration have not details about prisoner during emergency
नागपुर जेल प्रशासन के पास नहीं आपातकाल में बंद लोगों की सजा का ब्यौरा
नागपुर जेल प्रशासन के पास नहीं आपातकाल में बंद लोगों की सजा का ब्यौरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार ने आपातकाल के दौरान एक महीने से ज्यादा समय तक सेंट्रल जेल में बंद लोगों को 10 हजार रुपए महीना मानधन देने का निर्णय लिया है। सेंट्रल जेल में बंद कई लोगों की सजा का ब्यौरा जेल प्रशासन के पास उपलब्ध ही नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई बैठक में जेल प्रशासन की तरफ से पेेश दस्तावेजों में इसका खुलासा हुआ है। राज्य सरकार ने 1975 से 1977 आपातकाल के दौरान डीएसआर (डिफेंस इंडिया रुल) व मिसा मेंटेनंस आफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट (मिसा) के तहत एक महीने से ज्यादा समय तक जेल में बंद लोगों को 10 हजार रुपए व उनकी विधवा को 5 हजार रुपए महीना मानधन देने का निर्णय लिया है। इसके लिए पुलिस व जेल प्रशासन से रिकार्ड इकट्ठा किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमआे) में विशेष कार्यासन अधिकारी आशा पठाण की अगुवाई में हुई बैठक में जेल प्रशासन व जिला प्रशासन की तरफ से ऐसे लोगों का ब्यौरा पेश किया गया। सेंट्रल जेल की अधीक्षक राणी भोसले ने डीएसआर व मिसा के तहत जेल में साज काट चुके 157 लोगों की सूची पेश की। इसमें करीब एक दर्जन लोग ऐसे है, जिनका नाम तो है, पर सजा कितनी काटी इसका ब्यौरा नहीं है। सफाई दी गई कि रिकार्ड काफी जीर्ण हुआ है आैर जितना रिकार्ड उपलब्ध है उसके आधार पर यह ब्यौरा पेश किया जा रहा है। 

इसी तरह जिला प्रशासन ने उनके पास आए आवेदनों की सूची सीएमआे को सौंपी। डीआईआर के तहत 212 और मिसा के तहत 52 आवेदन जिला प्रशासन को प्राप्त हुए हैं। जिला प्रशासन के पास मानधन के लिए आए आवेदनों की संख्या देखे तो 264 है, वहीं सेंट्रल जेल के पास 157 लोगों की ही सूची उपलब्ध है। कुछ लोग नागपुर के अलावा अन्य जेलों में भी रहने की जानकारी दी गई। फिलहाल दूसरे जेलों में सजा काटे लोगों का ब्योरा जेल प्रशासन की तरफ से सीएमआे को उपलब्ध नहीं किया गया। 

सीएम फडणवीस के आदेश पर हुई बैठक 

अगले साल लोक सभा व विधान सभा चुनाव है। लोक सभा के साथ ही राज्य विधान सभा के चुनाव होने की अटकलें है। ऐसे में राज्य सरकार के पास इसे लागू करने के लिए चंद महीने ही बचे हुए है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पूर्व संबंधित लोगों को इसका लाभ देना चाहते है। मुख्यमंत्री के आदेश पर ही सीएमआे में बैठक हुई। जेल प्रशासन से उपलब्ध रिकार्ड सरकार को भेजा गया। 

लोकल कमिटी बनाने को अभी तक नहीं मिली मंजूरी 
जिला प्रशासन ने जेल में सजा काट चुके लोगों के आवेदनों को क्रास चेक (प्रति परीक्षण) करने व मामले को जल्दी निपटाने के लिए स्थानीय स्तर पर कमिटी बनाने का प्रस्ताव मंजूरी के लिए सरकार को भेजा था। मंजूरी नहीं मिलने पर सरकार को रिमांइडर भेजा गया। सरकार की तरफ से अभी तक इसे मंजूरी नहीं मिली आैर अब मंजूरी मिलने के आसार बेहद कम नजर आ रहे है। जिलाधीश की अध्यक्षता में बननेवाली कमिटी में जेल प्रशासन, पुलिस प्रशासन व कोर्ट के प्रतिनिधि को शामिल किया जाना था। 

गेंद सरकार के पाले में 
जिला प्रशासन की तरफ से स्पष्ट किया गया कि जिन लोगों की सजा का ब्यौरा जेल प्रशासन के पास उपलब्ध नहीं है, उनके बारे में अंतिम फैसला करने का अधिकार सरकार को है। जिला प्रशासन इसमें टिप्पणी नहीं कर सकता। जिला प्रशासन के पास उपलब्ध ब्येारा व सूची सीएमआे को दे दी गई है। 

Created On :   7 Dec 2018 3:47 PM GMT

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