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दैनिक भास्कर हिंदी: सीएम फडणवीस बोले- असफल नहीं है जलयुक्त शिवार योजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। जलयुक्त शिवार योजना को असफल बताने पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आंकड़ों के सहारे विपक्ष पर पलटवार किया है। सूखे पर नियम 293 के तहत चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलयुक्त शिवार जनता के सहयोग से चलने वाली पहली योजना है। लोगों द्वारा किए गए काम के चलते यह योजना सफल रही। मैंने विपक्ष के नेताओं को भी इस योजना में काम करते देखा है। उन्होंने कहा कि इस साल एक हजार पानी के टैंकर शुरू करने पड़े क्योंकि सितंबर महीने में सिर्फ सिर्फ 57 मिलीमीटर बारिश हुई जो पिछले 30 सालों में सबसे कम है। इनमें से 300 टैंकर औरंगाबाद और 200 टैंकर अहमद नगर में लगे हैं। हाईकोर्ट ने योजना की जांच के लिए आईआईटी को नियुक्त किया था उसकी रिपोर्ट इस योजना की सफलता की कहानी बताती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि फसलों के उत्पादन के आंकड़ों से जलयुक्त शिवार योजना की सफलता पता चलती है। उन्होंने बताया कि साल 2013 में जब 109 फीसदी बारिश हुई थी तब उत्पादन 193 मिलियन मीट्रिक रहा। जबकि साल 2016 में जब 95 फीसदी बारिश हुई तो उत्पादन 223 मीट्रिक टन उत्पादन हुआ। पिछले साल 84 फीसदी बारिश हुई थी यानी 2013 के मुकाबले करीब 35 फीसदी कम बारिश हुई इसके बावजूद उत्पादन 180 मीट्रिक टन रहा। जलयुक्त शिवार के काम के चलते जमीन में पानी गया था इसीलिए हम सिंचाई कर पाए। उन्होंने कहा कि जलयुक्त शिवार योजना के तहत किए गए कामों की पूरी सूची हमारे पास है। 90 फीसदी कामों को जियोटैगिंग के साथ वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है इसे कोई भी देख सकता है। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की कुछ शिकायतें आईं हैं, लेकिन ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई की गई है। भ्रष्टाचार रोकने के लिए दो बार ऑडिट किया जाता है। मनरेगा में दो गुना हुआ है काम
मनरेगा के तहत काम में कमी के आरोपों को भी मुख्यमंत्री ने नकार दिया। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में मनरेगा के तहत औसत वार्षिक खर्च 1124 करोड़ रुपए था जबकि हमारी सरकार के कार्यकाल में यह दोगुना बढ़ा है और औसत वार्षिक खर्च 2259 करोड़ रुपए हो गया है। मुख्यमंत्री ने सूखा घोषित करने से जुड़े नियम में बदलाव को लेकर कहा कि नया तरीका ज्यादा वैज्ञानिक है और किसानों को किसी अधिकारी की दया पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।
आईसेक्ट ग्रुप भोपाल: आईसेक्ट द्वारा ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट विषय पर विशेष ट्रेनिंग सेशन आयोजित
डिजिटल डेस्क, भोपाल। आईसेक्ट के एचआर एवं लर्निंग एंड डेवलपमेंट डिपार्टमेंट द्वारा एम्पलॉइज के लिए ग्लोबल पर्सनल डेवलपमेंट पर एक विशेष ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया। इसमें यूनाइटेड किंगडम के कॉर्पोरेट इंटरनेशनल ट्रेनर जुबेर अली द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया। जिसमें उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को अपने अनुभवों, डेमोंस्ट्रेशन, वीडियो, स्लाइड शो के माध्यम से नई स्किल्स को प्राप्त करने और अपनी पर्सनेलिटी को बेहतर बनाने के तरीके बताए। साथ ही उन्होंने पर्सनेलिटी डेवलपमेंट और अपस्किलिंग के महत्व पर बात की और बताया कि करियर ग्रोथ के लिए यह कितना आवश्यक है। इस दौरान उन्होंने सफलता के लिए नौ सक्सेस मंत्र भी दिए। इस दौरान कार्यक्रम में एचआर कंसल्टेंट डी.सी मसूरकर और अल नूर ट्रस्ट के सदस्य उपस्थित रहे।
इस पहल पर बात करते हुए आईसेक्ट के निदेशक सिद्धार्थ चतुर्वेदी ने कहा कि आईसेक्ट कौशल विकास के महत्व को समझता है इसी कारण अपने एम्पलॉइज की अपस्किलिंग के लिए लगातार विभिन्न प्रशिक्षण सेशन का आयोजन करता है। इसी कड़ी में ग्लोबल पर्सनेल डेवलपमेंट पर यह ट्रेनिंग सेशन भी एक कदम है।
स्कोप कैम्पस: खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली भीमबेटका, ओबेदुल्लागंज, मंडीदीप, भोजपुर होते हुए पहुंची रबीन्द्रनाथ नाथ टैगोर विश्वविद्यालय और स्कोप कैम्पस
डिजिटल डेस्क, भोपाल। रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय और खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायसेन के संयुक्त तत्वावधान में खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 की मशाल रैली आयोजित की गई। यह यात्रा होशंगाबाद से पर्वतारोही भगवान सिंह भीमबेटका लेकर पहुंचे। फिर भीमबेटका से रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय ने मशाल लेकर ओबेदुल्लागंज की ओर प्रस्थान किया। ओबेदुल्लागंज में रैली का स्वागत किया गया। साथ ही ओबेदुल्लागंज में मशाल यात्रा को विभिन्न स्थानों पर घुमाया गया। तत्पश्चात यात्रा ने मंडीदीप की ओर प्रस्थान किया। मंडीदीप में यात्रा का स्वागत माननीय श्री सुरेंद्र पटवा जी, भोजपुर विधायक ने किया। अपने वक्तव्य में उन्होंने खेलों को बढ़ावा देने के लिए मप्र सरकार द्वारा की जा रही पहलों की जानकारी दी और युवाओं को खेलों को जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा खेलो इंडिया यूथ गेम्स 2022 में खिलाड़ियों को जीत के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने खेलों इंडिया यूथ गेम्स के आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासों को रेखांकित किया।
साथ ही कार्यक्रम में रायसेन के डिस्ट्रिक्ट स्पोर्ट्स ऑफिसर श्री जलज चतुर्वेदी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि खेलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार की विभिन्न गतिविधियों पर प्रकाश डाला और खेलों इंडिया यूथ गेम्स के खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दीं। यहां से धावकों ने मशाल को संभाला और दौड़ते हुए भोजपुर मंदिर तक पहुंचे। मंदिर से फिर यात्रा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय तक पहुंचती और यहां यात्रा का डीन एकेडमिक डॉ. संजीव गुप्ता द्वारा और उपकुलसचिव श्री समीर चौधरी, उपकुलसचिव अनिल तिवारी, उपकुलसचिव ऋत्विक चौबे और स्पोर्ट्स ऑफिसर सतीश अहिरवार द्वारा भव्य स्वागत किया जाता है। मशाल का विश्वविद्यालय में भी भ्रमण कराया गया। यहां से यात्रा स्कोप कैम्पस की ओर प्रस्थान करती है। स्कोप कैम्पस में स्कोप इंजीनियरिंग कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. डी.एस. राघव और सेक्ट कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. सत्येंद्र खरे ने स्वागत किया और संबोधित किया। यहां से मशाल को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के उपसंचालक जोश चाको को सौंपा गया।