जज लोया मृत्यु प्रकरण से जुड़ी याचिका खारिज, दस्तावेज सुरक्षित रखने का था मामला

Judge Loya death case petition dismissed, document to preserve
जज लोया मृत्यु प्रकरण से जुड़ी याचिका खारिज, दस्तावेज सुरक्षित रखने का था मामला
जज लोया मृत्यु प्रकरण से जुड़ी याचिका खारिज, दस्तावेज सुरक्षित रखने का था मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सीबीआई के दिवंगत जज बृजमोहन लोया की मृत्यु प्रकरण से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया। हाईकोर्ट में अधिवक्ता सतीश उके ने याचिका दायर कर लोया प्रकरण से जुड़े सरकारी दस्तावेज सदर और सीताबर्डी पुलिस थाने में 10 वर्ष तक सुरक्षित रखने के आदेश जारी करने की प्रार्थना की थी। हाईकोर्ट में याचिका में तथ्यों की कमी मान कर इसे खारिज कर दिया गया।

अधिवक्ता सतीश महादेवराव उके द्वारा हाईकोर्ट और सर्वोच्च न्यायालय में याचिका में मुद्दा उठाया गया कि  1 दिसंबर 2014 को शहर के सिविल लाइंस स्थित रवि भवन में जज लोया की मृत्यु हार्टअटैक से नहीं हुई, बल्कि उन्हें रेडियोएक्टिव आयसोटॉप जहर देकर मौत के घाट उतारा गया। उके के अनुसार रवि भवन में उनके निवास के दौरान के दस्तावेजों में भारी हेराफेरी हुई है। इस दौरान उके के दिवंगत साथी एड. श्रीकांत खंडालकर ने उके को ऐसे दस्तावेज दिए, जिसमें दावा किया गया था कि जज लोया की मृत्यु हार्टअटैक से नहीं, बल्कि उन्हें रेडियोएक्टिव आयसोटॉप जहर देकर मारा गया। इसी वजह से तमाम सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर की जा रही है। ऐसे में उन्हें सुरक्षित रखने की सख्त जरूरत है, लेकिन हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को खारिज कर दिया।

विवादित पोस्ट डालने वाले वकील को अंतरिम राहत नहीं
अयोध्या फैसले के बाद नागपुर के वकीलों के वाट्सएप ग्रुप पर विवादित पोस्ट डालने वाले वकील मुकुल फडके को नागपुर सत्र न्यायालय ने अंतरिम राहत देने से इनकार किया है। मामला दर्ज होने के बाद वकील ने अग्रिम जमानत के लिए सत्र न्यायालय में अर्जी लगाई है। इस पर सोमवार को हुई सुनवाई में पुलिस ने अपना पक्ष रखा और कोर्ट को बताया कि मामले की जांच के लिए आरोपी की हिरासत जरूरी है, ऐसे में अभी उसे अग्रिम जमानत न दी जाए। पुलिस व अन्य पक्ष सुनकर अगली सुनवाई 29 नवंबर को रखी। तब तक आरोपी को अंतरिम राहत नहीं दी गई। पुलिस सूत्रों के अनुसार गत 9 नवंबर को अयोध्या प्रकरण में सर्वोच्च न्यायालय के  निर्णय के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने वाट्सएप ग्रुप पर  अयोध्या प्रकरण में किसी भी तरह की विवादित टिप्पणी या चित्र प्रदर्शित करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। आरोप है िक 12 नवंबर को एड. फडके ने जिला न्यायालय के वकीलों के प्रिस्टीन लायर्स नामक वाट्सएप समूह पर कुछ विवादित पोस्ट डाला था। एड. आदिल मोहम्मद शफी मोहम्मद ने उनके खिलाफ सदर थाने में शिकायत दी। सदर पुलिस ने एड. फडके के खिलाफ विवादित पोस्ट डालने का मामला दर्ज कर लिया था।
 

Created On :   26 Nov 2019 1:19 PM IST

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