सलमान खान और उनके अंगरक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर रद्द
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने अपने विस्तृत आदेश में अभिनेता सलमान खान और उनके अंगरक्षक के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया एक शिकायतकर्ता के बदले की भावना को पूरा करने के लिए किसी सेलिब्रिटी का अनावश्यक उत्पीड़न का साधन नहीं होनी चाहिए, जिसने यह मान लिया था कि उसका अपमान किया गया है।
मोबाइल फोन छीनने, बहस करने और धमकी देने का आरोप
बांबे हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इशारे में बोले गए शब्द चाहे कितने भी भयावह हों, लेकिन इस मामले में धारा 504 के तहत कार्रवाई नहीं कर सकते। यह अपमान प्रदर्शित नहीं करता है। पेश से पत्रकार अशोक पांडे ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि सलमान खान ने मुंबई की एक सड़क पर साइकिल चलाते समय उनकी तस्वीर निकालने पर उनका मोबाइल फोन छीन लिया था। अभिनेता ने उनसे बहस की और फिर उन्हें धमकी दी।
समन के खिलाफ हाईकोर्ट में दायर किया याचिका
पिछले साल अदालत ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत पुलिस जांच का आदेश दिया था और बाद में प्रक्रिया और समन जारी किया. समन के खिलाफ सलमान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
कानून की प्रक्रिया का नहीं किया पालन
न्यायमूर्ति भारती डांगरे ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया को केवल इसलिए अनावश्यक उत्पीड़न का साधन नहीं होना चाहिए, क्योंकि अभियुक्त एक प्रसिद्ध हस्ती है. कानून की प्रक्रिया का पालन किए बिना उसे शिकायतकर्ता के हाथों अनावश्यक उत्पीड़न का शिकार नहीं होना चाहिए, जिसने अपने प्रतिशोध को संतुष्ट करने के लिए मशीनरी को गति दी और यह मान लिया कि सिने स्टार ने अपमान किया है.
मजिस्ट्रेट के आदेश में दो विसंगतियां
न्यायमूर्ति डांगरे ने पाया कि मजिस्ट्रेट के आदेश में दो स्पष्ट विसंगतियां थीं. सबसे पहले आईपीसी की धारा 504 (जानबूझकर अपमान) और 506 (आपराधिक धमकी) का गलत इस्तेमाल किया गया. दूसरी बात शिकायत का संज्ञान लेने से पहले मजिस्ट्रेट प्रक्रियात्मक जनादेश का पालन करने में विफल रहा है, जिसके लिए शिकायतकर्ता की जांच की जानी आवश्यक है.
Created On :   12 April 2023 7:56 PM IST