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सिंचाई योजनाओं का विकास करें, नहीं तो बढ़ जाएगी सूखे की समस्या

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ ही नहीं पूरे महाराष्ट्र में सूखे की समस्या है। ऐसे में प्रदेश सरकार को सिंचाई योजनाओं का विकास कर उन्हें और अधिक प्रभावी बनाने की जरूरत है। वरना महाराष्ट्र में सूखे की समस्या भीषण रूप ले लेगी। बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने गुरुवार को कहा कि सबसे ज्यादा बारिश के पानी को बचाने की जरूरत है। रेन वाटर हार्वेस्टिंग के साथ ही मृदा संरक्षण के लिए प्रयास करने चाहिए। इसी तरह सिंचाई की योजनाओं को गति देने से ही यह समस्या हल होगी। जलयुक्त शिवार योजना को और अधिक विस्तार देना चाहिए।
छोटे-छोटे तालाब और जल प्रकल्प बनाने की जरूरत
खडसे ने कहा कि खास कर गांव से बह जाने वाले पानी को गांव में ही रोकने के लिए छोटे-छोटे तालाब और जल प्रकल्प बनाने होंगे। इसी से सूखे की समस्या का समाधान होगा। बता दें कि अभी से विदर्भ खासकर नागपुर विभाग के भू-जल स्तर की स्थिति बिगड़ने लगी है। सेंट्रल ग्राउंड वाटर बोर्ड की रिपोर्ट की मानें, तो महाराष्ट्र का भू-जल स्तर पिछले 10 वर्षों के अनुपात में इस वर्ष जुलाई 2017 तक 70 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी।
कर्जमाफी के बाद भी नहीं रुक रही किसान आत्महत्या
महाराष्ट्र में किसान आत्महत्या एक दुखद समस्या है। कई बार दुलर्भ बीमारी, अतिवृष्टि या ओलावृष्टि जैसी मौसमी मार से फसलें खराब होती हैं। तो कई बार किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। हांलाकि किसानों को राहत देने के लिए सरकार कर्जमाफी कर रही है, इसके बावजूद किसान आत्महत्या नहीं रुकी। आत्महत्या रोकने के लिए किसानों की मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। इसके लिए किसानों की नियमित काउंसिलिंग होनी चाहिए। साथ ही विविध सरकारी योजनाओं के माध्यम से किसानों को राहत प्रदान करनी चाहिए।
1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर तक 2 हजार 414 किसानों ने आत्महत्या की
खडसे ने कहा कि सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है, आगे भी सरकार को कृषि हित केंद्रीत योजनाओं को प्रभावी बनाने की जरूरत है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों की मानें तो प्रदेश में 1 जनवरी से लेकर 31 अक्टूबर तक 2 हजार 414 किसानों ने आत्महत्या की है। इसमें आधी आत्महत्याएं जुलाई से अक्टूबर के बीच हुई हैं। ऐसे में बीजेपी नेता खडसे ने किसानों के लिए हितकारी योजनाओं पर जोर देने की बात कही है।
सही वक्त आने पर पूरी होगी विदर्भ की मांग
पृथक विदर्भ राज्य की मांग पर खडसे ने कहा कि बीजेपी की राष्ट्रीय कायकारिणी ने पृथक विदर्भ को लेकर प्रस्ताव पारित किया है। प्रदेश सरकार भी इस दिशा में सकारात्मक है। मगर सही वक्त आने पर ही पृथक विदर्भ की मांग पूरी की जाएगी। इसके लिए तब तक इंतजार करना होगा।
खड़से को आक्रामक देख पंकजा मुंडे बैकफुट पर
बीजेपी के हैवीवेट नेता एकनाथ खड़से विधानसभा में अचानक आक्रामक हो गए। रोजगार हमी योजना पर सरकार से जवाब मांगा और सरकार की ओर से मिले जवाब पर तंज भी कसा। आखिरकार, ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने बचाव की भूमिका अपनाई। तकनीकी अड़चन व्यक्त करते हुए कहा कि विपक्ष में रहते हुए मजदूरों को न्याय दिलाने के मामले में वह वैसा ही सोचती थीं, जो अब िवपक्ष के सदस्य सोचते हैं। सरकार से जवाब भी मांगती थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद प्रशासन की ओर से बताई जा रही अड़चन को समझना पड़ रहा है। तकनीकी अड़चन सभी को समझना होगा।
अब निर्णय ले ही लो
गुरुवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान रोजगार हमी योजना के संबंध में तारांकित प्रश्न पर चर्चा हो रही थी। ग्राम विकास मंत्री मुंडे जवाब दे रहीं थीं। खड़से ने उप-प्रश्न पूछते हुए सरकार को आड़े हाथ लिया। खडसे ने कहा कि बीजेपी जब विरोध में थी, तब बार बार मांग की जाती थी कि खेत-मजदूरों को रोजगार हमी योजना में शामिल किया जाए। मुंडे को विपक्ष में रहते हुए बीजेपी की भूमिका याद दिलाते हुए खड़से ने कहा-आप, मैं और स्वयं मुख्यमंत्री विरोधी पक्ष में रहते हुए खेत-मजदूरों को रोजगार हमी योजना के काम में शामिल करने की मांग कर रहे थे। अब सत्ता में हैं। जवाबदारी बढ़ गई है।
तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता
उन्होंने कहा कि तत्काल निर्णय लेने की आवश्यकता है। अब निर्णय ले ही लो। मुंडे ने केंद्र के सहयोग का जिक्र किया तो खड़से ने कहा कि रोजगार हमी योजना और मनरेगा में अंतर है। रोजगार हमी योजना राज्य सरकार की है। पहली बात तो यह योजना एक तरह से कहीं अमल में दिख नहीं रही है। फिर भी सरकार यदि इस योजना को चला रही हो तो खेत-मजदूरों को काम दिया जाना चाहिए।
Created On :   14 Dec 2017 9:43 PM IST