रोगनिदान एवं शल्यक्रिया शिविर के नाम पर की जा रही खानापूर्ति

Khanapurti being done in the name of diagnosis and surgery camp
रोगनिदान एवं शल्यक्रिया शिविर के नाम पर की जा रही खानापूर्ति
गोंदिया रोगनिदान एवं शल्यक्रिया शिविर के नाम पर की जा रही खानापूर्ति

डिजिटल डेस्क, गोंदिया. राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य योजना के अंतर्गत 22 अक्टूबर को अर्जुनी मोरगांव के ग्रामीण अस्पताल में नि:शुल्क दंतरोग निदान एवं शल्यक्रिया शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में अनेक मरीजों ने अपनी जांच करवाई। जिसमें से कई लोगों की शल्यक्रिया भी की गई। लेकिन ऑपरेशन के पश्चात बिस्तरों की कमी बताते हुए मरीजों को सीधे अस्पताल के वार्ड में जमीन पर गद्दे डालकर लेटा दिया गया। इस संबंध में ग्रामीण अस्पताल के अधीक्षक चिकित्सा अधिकारी डा. देवेंद्र घरतकर से पूछने पर उन्होंने बताया कि मरीजों की संख्या अधिक होने तथा उसके अनुसार बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण उन्हें जमीन पर गद्दे डालकर रखने की बात उन्होंने कही। उन्होंने यह भी बताया कि जिन मरीजों को सलाइन तथा अन्य दवाओं की आवश्यकता थी, उन्हें वह दी गई। इसके अलावा भी मरीजों को अनेक प्रकार की असुविधा का सामना करना पड़ा। शिविर की व्यवस्था को देखते हुए तो यह कहा जा सकता है कि रोगनिदान शिविर के नाम पर संबंधित विभाग मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध कराने के बजाय माल सूतों अभियान में जुटा हुआ है। मरीजों की सेवा के नाम पर सीधे उनके जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। सामान्य नागरिकांे को शासन के नियमानुसार सुविधायुक्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराए जाने की मांग नागरिकों द्वारा की जा रही है। 

यह मेरी जिम्मेदारी नहीं

इस शिविर के उद्घाटन के लिए बाकायदा निमंत्रण पत्रिका भी छपवाई गई थी। जिसमें शिविर का उद्घाटन जिप उपाध्यक्ष यशवंत गणवीर की अध्यक्षता में क्षेत्र के विधायक मनोहर चंद्रिकापुरे के हाथों जिला शल्य चिकित्सक एवं जिला स्वास्थ्य अधिकारी की उपस्थिति में किए जाने का उल्लेख किया गया था। पत्रिका में विनीत में तहसील स्वास्थ्य अधिकारी डा. विजय राऊत व ग्रामीण अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक देवेंद्र घरतकर का नाम प्रकाशित किया गया था। लेकिन 22 अक्टूबर को हुए शिविर की पत्रिका 23 अक्टूबर तक भी अनेक लोगों को नहीं मिली। 

मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण जमीन पर की व्यवस्था

डा. देवेंद्र घरतकर, अधीक्षक चिकित्सा अधिकारी, ग्रामीण अस्पताल अर्जुनी मोरगांव शिविर में मरीजों की संख्या अधिक होने के कारण उतनी मात्रा में अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं हो सके। जिसके कारण ऑपरेशन के पश्चात मरीजों को वार्ड में सुरक्षित तरीके से जमीन पर बिस्तर लगाकर रखा गया। 

Created On :   27 Oct 2022 6:42 PM IST

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