परप्रांतियों- जिंदगी चाहिए तो रायगड से भाग जाओ, उत्तरभारतीयों के खिलाफ तालीबानी फरमान

डिजिटल डेस्क, मुंबई, सुधीर शर्मा। रोजी-रोटी की तलाश में मुंबई आए परप्रांतीयों के साथ मार पीट और अन्याय का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पनवेल के नजदीक रायगड़ जिले के चिचोटी और आस-पास के स्थानीय नेता यहां के परप्रांतियों के खिलाफ तालिबानी फरमान जारी करते हुए जबरन मकान खाली करवा रहे हैं। एक युवती के साथ कथित दुष्कर्म की कोशिश के बाद नौबत ये है कि परिक्षेत्र के इंडस्ट्रियल इलाकों से परप्रांतीय कामगारों को जबरन भगाया जा रहा है। नौकरी छोड़कर पलायन कर रहे उत्तर भारतीयों ने बताया कि उन्हें धमकी दी गयी है कि अगर वे जिन्दगी सलामत चाहते हैं तो जल्द रायगड़ छोड़कर चले जाएं।
यह है मामला
जानकारी के मुताबिक 3 दिनों पहले रायगड़ के चिचोटी गांव की एक स्थानीय युवती के साथ कथित छेड़छाड़ की घटना हुई थी। सूत्रों की मानें तो कथित छेड़खानी का आरोप यहां की गेल कंपनी में कार्यरत तीन परप्रांतीय कामगारों पर लगा है। स्थानीय ग्रामीणों का मानना है कि यदि परप्रांतीय यहां रहेंगे तो ऐसी घटनाएं दुबारा होंगी। इसे लेकर चिचोटी गांव के रहिवासियों ने गेल कंपनी गेट पर धरना भी दिया था। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों के विरोध के बाद तमाम प्रवासी कामगारों को नौकरी छोड़ने का अल्टीमेटम दिया गया है। फिलहाल 400 से अधिक कामगार चिचोटी-परिसर छोड़ चुके हैं, जबकि सैकड़ों कामगार नौकरी और एरिया छोड़ने की तैयारी में हैं।
दोषियों को मिले सजा, सभी उत्तरभारतीय नहीं हैं जिम्मेदार
पलायन कर रहे परप्रांतीय कामगार चाहते हैं कि दुष्कर्म की कथित कोशिश करने वाले दोषियों को सजा मिलनी चाहिए लेकिन वे इस बात से नाराज हैं कि इस घटना के लिए सभी उत्तर भारतीयों को जिम्मेदार ठहरा कर उन्हें मार पीटकर खदेड़ा जा रहा है। परप्रांतीय कामगारों ने कहा कि आज उन्हें जबरन कंपनियों से निकलवाया जा रहा है, भाड़े के मकानों को खाली कराया जा रहा। घर का डिपोजिट, पगार कमाई और जमा पूंजी सब कुछ छोड़कर भागने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने दुख जताया कि इतना कुछ देखकर भी पुलिस मौन है।हालांकि स्थानीय पुलिस कह रही है कि ऐसी कोई घटना नहीं हुई जबकि सड़कों पर सैकड़ों की तादाद में पलायन करते उत्तर भारतीय खुद इसका बड़ा सबूत हैं।
Created On :   22 March 2023 8:24 PM IST












