जानिए - ऑनलाईन ओपीडी सेवा से कैसे लाभ ले रहे लोग, शुरु होगा मोबाईल एप

Know - How people are benefiting from online OPD service, mobile app will start soon
जानिए - ऑनलाईन ओपीडी सेवा से कैसे लाभ ले रहे लोग, शुरु होगा मोबाईल एप
जानिए - ऑनलाईन ओपीडी सेवा से कैसे लाभ ले रहे लोग, शुरु होगा मोबाईल एप

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना के चलते लॉकडाउन में निजी अस्पतालों के बंद होने के कारण सामान्य चिकित्सा सलाह और स्वास्थ्य जांच के लिए शुरू की गई ऑनलाइन ई-संजीवनी ओपीडी सेवा का 1403 मरीजों ने लाभ लिया है। अब ऑनलाइन ई-संजीवनी ओपीडी सेवा के लिए मोबाइल एप तैैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। सप्ताह भर में मोबाइल एप सेवा शुरू होगा। इससे ज्यादा से ज्यादा मरीज लाभ ले सकेंगे। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने नागरिकों से वेबसाइट से www.esanjeevaniopd.in पर जाकर विशेषज्ञों के स्वास्थ्य संबंधी सलाह लेने का आह्वान किया है। इस एप्लिकेशन के जरिए किसी भी जिले के मरीज किसी दूसरे जिले के चिकित्सा अधिकारी से कम्प्यूटर और लैपटॉप के जरिए बीमारी के बारे में सलाह और चर्चा कर सकते हैं। टोपे ने कहा कि मोबाइल एप तैयार होने के बाद जरूरत पड़ी, तो डॉक्टरों की संख्या बढ़ाई जाएगी। साथ ही विशेषज्ञों की सेवा के लिए विशिष्ठ समय निश्चित किया जाएगा। केंद्र और राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के इस संयुक्त उपक्रम में ऑनलाइन ओपीडी सेवा सुबह 9.30 से दोपहर 1.30 बजे तक शुरू रहेगी। इसके लिए नागरिकों को कोई शुल्क नहीं देना पड़ेगा। रविवार को यह सेवा बंद रहती है। राज्य के विभिन्न जिला अस्पतालों के 16 चिकित्सा अधिकारियों को ऑनलाइन ओपीडी सेवा का प्रशिक्षण दिया गया है। मुंबई, ठाणे, पुणे जैसे महानगरों में ऑनलाइन ओपीडी सेवा को अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है। राज्य में अप्रैल महीने में यह सेवा पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई। अब मई महीने में पूरी तरह से यह सेवा क्रियान्वित हुई है। 
 
ऐसी है ई-संजीवनी ओपीडी सेवा 

1. पंजीयन और टोकनः मोबाइल क्रमांक द्वारा पंजीयन करने के बाद ‘ओटीपी’ मिलता है। इसके माध्यम से मरीज पंजीयन के आवेदन भर सकता है। इसके बाद टोकन की मांग के लिए बीमारी से संबंधी कुछ कागजपत्र, मेडिकल रिपोर्ट अपलोड करना होता है। इसके बाद एसएमएस द्वारा मरीज को पहचान क्रमांक तथा टोकन क्रमांक प्राप्त होता है। 

2.  लॉगइन के लिए एसएमएस के जरिए नोटिफिकेशन आता है। इसके बाद मरीज अपने पहचान क्रमांक के आधार पर लॉगइन कर सकते हैं।  

3.  वेटिंग रुमः वेंटिग रूप में प्रवेश के बाद कुछ समय में ‘कॉल नाऊ’ बटन क्रियान्वित (एक्टिवेट) होता है। इसके बाद वीडियो कॉल के माध्यम से डॉक्टर चर्चा करते हैं। 

4.  इस चर्चा के बाद मरीज को ई-क्रिप्शन (दवाई की पर्ची) प्राप्त होती है। 


 

Created On :   9 Jun 2020 9:09 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story