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भीमा-कोरेगांव हिंसा: गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को हाईकोर्ट ने रद्द करने से किया इंकार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने माओंवादियों से कथित संबंध रखने व भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में आरोपी गौतम नवलखा के खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आरोपी के खिलाफ पुलिस ने पर्याप्त सबूत इकट्ठा किए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस प्रकरण की व्यापक रुप से व गहराई से जांच किया जाना जरूरी है। यह मामला फिलहाल हमें आधारहीन नजर नहीं आता है। इसलिए हम अभी इस मामले की जांच में दखल नहीं दे सकते हैं।
न्यायमूर्ति आर वी मोरे व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने यह बात कहते हुए नवलखा की याचिका को खारिज कर दिया। याचिका खारिज होने के बाद नवलखा के वकील युग चौधरी ने खंडपीठ से अपने फैसले पर रोक लगाने की मांग की। ताकि वे सुप्रीम कोर्ट जा सके। जिसका सरकारी वकील अरुणा पई ने विरोध किया। किंतु नवलाख के वकील के आग्रह को स्वीकार करते हुए खंडपीठ ने नवलखा की गिरफ्तारी पर लगी रोक को तीन सप्ताह तक के लिए बढ़ा दिया।
नवलखा के खिलाफ पुणे पुलिस ने पिछले साल भीमा कोरेगांव हिसां को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया था। जिसे रद्द किए जाने की मांग को लेकर नवलखा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में दावा किया गया था कि उनकी इस मामले में कोई भूमिका नहीं है। पुलिस के पास ऐसे कोई सबूत नहीं है जो इस प्रकरण में उनकी संलिप्तता को दर्शाते हो। लिहाज उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मामले को रद्द कर दिया जाए। किंतु खंडपीठ ने इस मामले को आधारहीन मानने से इंकार कर दिया और नवलखा की याचिका को खारिज कर दिया है।
धारा 370 पर जनमानस प्रतिक्रिया 14 को
लोकमान्य सांस्कृतिक व क्रीड़ा मंडल की ओर से शनिवार 14 सितंबर को शाम 5 बजे नागपुर के लोकमान्य परिसर, रेशमबाग में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हाल ही में जम्मू-कश्मीर से हटाई गई धारा 370 व 35 ए पर जनमानस प्रक्रिया जानने का प्रयास होगा। कार्यक्रम में बतौर प्रमुख वक्ता जम्मू-कश्मीर स्टडी संेटर के सचिव अभिनंदन पलसापुरे, बतौर अध्यक्ष नगरसेवक सतीश होले उपस्थित रहेंगे। इस विषय पर आम नागरिक अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।